पेपर लीक सरगना को 13 दिन की रिमांड के बाद भेजा जेल, ना तो शेरसिंह का पता चला और ना ही नयी बात

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उदयपुर, 9 मार्च (ब्यूरो)। पेपर लीक प्रकरण के सरगना भूपेंद्र सारण को गुरुवार शाम जेल भेज दिया गया। तेरह दिन का रिमांड के बाद उसे दूसरी बार अदालत में पेश किया गया। इस बीच उससे एडीजी दिनेश एमएन सहित विभिन्न पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की लेकिन खोई खास जानकारी नहीं मिल पाई। इस मामले में एक और प्रमुख आरोपी फरार शिक्षक शेरसिंह के बारे में पुलिस अभी तक खाली हाथ है, जिससे सारण ने 40 लाख रुपए में पेपर खरीदा था।
मिली जानकारी के अनुसार पेपर लीक प्रकरण के सरगना भूपेंद्र सारण से पुलिस एक अन्य मुख्य आरोपी चौमू जयपुर के शिक्षक शेर सिंह मीणा के बारे में पता नहीं लगा पाई, इसके बावजूद इस बार उसे रिमांड पर नहीं मांगा। इससे पुलिस उसे दो बार में तेरह दिन के रिमांड पर ले चुकी है। यहां पुलिस अन्वेषण भवन में उससे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक क्राइम दिनेश एमएन सहित कई पुलिस अधिकारी पूछताछ कर चुके थे। लेकिन उससे शेर सिंह मीणा से पेपर खरीदने तथा पांच—पांच लाख रुपए में बेचे जाने के अलावा कोई अन्य जानकारी नहीं मिल पाई। यह जानकारी उसे पहले रिमांड के दौरान ही पुलिस को मिल गई थी और उसके बाद उसका नौ दिन और रिमांड मांगा था।
सवाल उन्हें पुलिस पूछती रह गई
पुलिस सारण से यह पता लगाने में विफल रही कि उसका शिक्षक शेरसिंह से क्या कनेक्शन था और उससे कब और कहां मुलाकात हुई? क्या इससे पहले भी शेरसिंह ने अन्य भर्तियों के पेपर सारण को बेचे थे? शेरसिंह की आबूरोड के सरकारी स्कूल में पोस्टिंग थी और जिस बस में लीक पेपर हल कराया जा रहा था वह गोगुंदा रोड पर पकड़ी गई। बस में सवार अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराए गए, उनमें किसका हाथ था। शेरसिंह भी उनमें से एक हो सकता है, इसका खुलासा भी नहीं हो पाया।
40 लाख में पेपर बेचने वाला शेरसिंह का सुराग नहीं लगा
पेपर लीक प्रकरण के सरगना भूपेंद्र सारण ने जिस शेर सिंह से 40 लाख रुपए में पेपर खरीदा उसका सुराग पुलिस अभी तक नहीं लगा पाई। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले बारह दिनों से पुलिस जयपुर, जालोर व बाडमेर जिले के अलावा उन सभी संभावित इलाकों में दबिश दे चुकी है, जहां उसके मिलने की उम्मीद की जा रही थी।

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