प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन किया।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर दौसा के धनावड़ गांव में मोदी पहुंच ने 8 लेन वाला एक्सप्रेस-वे देश को सौंपा।
दिल्ली से मुंबई तक एक्सप्रेस-वे की लंबाई 1385 किमी है। पहले चरण के एक्सप्रेस-वे की लंबाई 247 किमी है। राजस्थान में एक्सप्रेस-वे 373 किमी लंबा है।
सभा की शुरुआत में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सैटेलाइट का उपयोग करके हाईवे का अलाइनमेंट ठीक किया गया, इस तकनीक की मदद लेने से दिल्ली से मुंबई के बीच 275 किमी की दूरी कम की गई है। उन्होंने कहा कि हम 2024 का साल खत्म होने से पहले भारत का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर कर देंगे।
जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल डालेंगे
गडकरी ने कहा कि जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल भी डाली जाएगी, ताकि इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रक और बसें भी चल सके। इसके लिए वैज्ञानिकों की मदद भी ली जा रही है।
नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साफा पहनाकर स्वागत किया, वहीं स्मृति चिन्ह के रूप में उन्हें चित्तौड़गढ़ का विजय स्तंभ का प्रतीक भेंट किया गया है।
विजय स्तंभ को मेवाड़ के महाराणा कुंभा ने अलाउद्दीन खिलजी को हराने के बाद बनाया गया था।
12 हजार 150 करोड़ रुपए में बना 247 KM लंबा एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन 247 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,150 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जाएगा।
इस सेक्शन के खुलने से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। उद्घाटन के बाद रविवार को ही इस एक्सप्रेस-वे को आवागमन के लिए खोल दिया । इस हाईवे पर गाड़ियां 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।
इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री ने 246 किलोमीटर लंबे अलग-अलग राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी। ये प्रोजेक्ट करीब 5940 करोड़ के हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 लेन वाले 67 किमी के बांदीकुई-जयपुर लिंक रोड, 6 लेन वाले 86 किमी के कोटपूतली-अलवर-दिल्ली मुंबई इंटरचेंज नेशनल एक्सप्रेस परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे।
दौसा के धनावड़ में हो रहे लोकार्पण कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं। हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे का 129 किमी का हिस्सा है। वहीं राजस्थान में एक्सप्रेस-वे 373 किमी लंबा है।