जयपुर। यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर का तीसरा यूटीए लघु नाट्य समारोह 2023 का आगाज दिनांक 25 फरवरी 2023 से रवीन्द्र मंच के मिनि थिएटर में हो रहा है। दो दिवसीय इस नाट्य समारोह में 4 नाटकों का मंचन किया जाएगा। 2 नाटक 25 फरवरी एवं 2 नाटक 26 फरवरी 2023 को मंचित किये जाएगें। नाट्य समारोह का आयोजन रवीन्द्र मंच के मिनी थियेटर में सायं 6-30 बजे से किया जाएगा।
यूटीए अध्यक्ष एवं कार्यक्रम निदेशक केशव गुप्ता ने बताया कि यह समारोह कला संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस समारोह में राजस्थान से आमंत्रित 4 युवा एवं वरिष्ठ निर्देशकों के नाटकों का मंचन किया जाएगा। 25 फरवरी 2023 को दो नाटक क्रमश रसिक संपादक एवं नरेन अकेला का मंचन किया जाएगा। 26 फरवरी 2023 को नाटक इस रात की सुबह नही एवं मुक्ति का मंचन किया जाएगा। समारोह का आगाज जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी मनोज स्वामी द्वारा निर्देशित नाटक रसिक संपादक से किया जाएगा। नाट्य समारोह का समापन जयपुर की निर्देशिका सीमा गुप्ता द्वारा निर्देशित नाटक मुक्ति के मंचन से किया जाएगा।
25 फरवरी 2023-
रसिक संपादक – हास्य और व्यंग्य से भरपूर है नाटक रसिक संपादक। इसमें शारीरिक सौन्दर्य के पीछे भागने के चारित्रिक पतन को व्यंग्यात्मकता के साथ प्रदर्शित किया गया है। मुंशी प्रेम चंद ने अपनी इस कहानी में यह दिखाया है कि इस सदी में भी महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिला। आज भी लोगों की सोच वैसी ही है। जिसके कारण सुपात्र एवं योग्यजन ही अवसर प्राप्त नहीं कर पाता है। 21 वीं सदी में पुरूष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के बावजूद महिलाओं के प्रति विशेष मानसिकता को दर्शाया गया है। इस कहानी के संपादक को सबक सिखाने की दृष्टि से एक पत्रकार योजना बनाता है और सफल रहता है। नाटक का निर्देशन मनोज स्वामी ने किया है और नाटक की प्रस्तुति नाद सोसायटी, जयपुर की होगी। नाटक में मुख्य भूमिका में संपादक-मुकेश कुमार सैनी, पत्रकार-मनोज स्वामी एवं लड़का-जिवितेश शर्मा ने निभाई है। मंच पार्ष्व में संगीत-जितेन्द्र शर्मा बिल्लू, प्रकाश व्यवस्था-अनिल मारवाड़ी, मंच सज्जा-तपेश शर्मा एवं सागर गढ़वाल, रूपसज्जा-रवि बांका, वस्त्रसज्जा-रेणु सनाढ्य की होगी। नाटक का लेखन मुंशी प्रेम चन्द एवं निर्देशन मनोज स्वामी का है।
नरेन अकेला- भीड है कयामत की ……… और हम अकेले हैं। इस वाक्य को चरितार्थ करता है नाटक नरेन अकेला। इंडियन थियेटर सोसायटी द्वारा प्रस्तुत नाटक में मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और जन्म के साथ ही मनुष्य समाज के नियमों, रीति रिवाजों तथा परम्पराओं से खुद को घिरा हुआ पाता है। भारतीय समाज में अनोकों ऐसी परम्परा एवं सभ्यताएं है जिनकी वजह से भारतीय संस्कृति अपना अलग स्थान रखती है। परन्तु वर्तमान समय में कुछ परम्पराओं ने ऐसा बिगड़ा स्वरूप धारण कर लिया है कि मनुष्य चाहकर भी उनसे बाहर नही निकल पा रहा है और मकड़ी के जाले की भांति परम्पराओं के बीच फंसकर स्वयं अपना अस्तित्व खोता रहा है। यही तानाबाना है नाटक नरेन अकेला का।
नाटक में अभिनय एवं निर्देशन महेश महावर ने किया है। नाटक में पार्श्व संगीत -प्रताप सिंह राजावत, रूपसज्जा एवं लाईट-केशव गुप्ता, मंचसज्जा- हसीब खान, मीना गिडवानी की होगी। नाटक का लेखन नर्रेन्द्र बबल एंव निर्देशन महेश महावर का है।
26 फरवरी 2023-
नाटक इस रात की सुबह नहीं-वरिष्ठ रंगकर्मी, नाटककार एवं शायर आनन्द वि. आचार्य द्वारा लिखित इस रात की सुबह नही नाटक की पूरी कहानी एक इंसपेक्टर की मानसिक दशा के इर्द गिर्द घूमती है। नाटक में विजय नाम का इंसपेक्टर राजनैतिक भंवर जाल में फंस जाता है और उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। इस घटना से उत्पन्न उसके अन्दर चल रहे कोलाहल को नाटक की कहानी में दर्षाने की कोशिश की है। संकल्प नाट्य समिति, बीकानेर द्वारा प्रस्तुत इस नाटक का लेखन एवं निर्देशन आनन्द वि. आचार्य ने किया है।
नाटक में मुख्य भूमिका में अशोक जोशी ने निभाई है। मंच पार्ष्व में संगीत-अविनाश जोशी, रिमिक सरकार, प्रकाश व्यवस्था-कुशल शर्मा, मंचसज्जा-रवि शर्मा, स्मृति सत्यानी, मंच सामग्री-मोहित मारू की होगी।
नाटक मुक्ति- कैलाश सोनी द्वारा लिखित एवं सीमा गुप्ता द्वारा निर्देशित नाटक मुक्ती की कहानी एक ऐसे परिवार की है जिसमें एक पिता अपने इकलौते बच्चे के भविष्य को बनाने हेतु छोटी उम्र में ही पढ़ने के लिए बाहर भेज देता है और फिर जीवन भर उसके आने के इन्तज़ार में माँ-बाप तड़पते रहते है। उधर उनका बेटा पढ़ाई होने तक तो उनसे सम्पर्क में रहता है फिर अचानक उसके फोन आना बन्द हो जाते है। वहीं बच्चा भटक कर अपने घर आता है तो बाप-बेटे के बीच द्वन्दात्मक वार्तालाप शुरू होती है। दोनों ही इस घटनाक्रम के तथ्यों को अपने-अपने अनुसार व्यक्त करते है। बेटा अपनी गलतियों अहसास मां बाप को कराना चाहता है लेकिन नाटक का घटनक्रम उसे कहने का मौका दे उससे पहले ही उसके माता-पिता की मृत्यु हो जाती है। नाटक यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
नाटक में मालिक-अर्जुन देव, राहुल आवाज़-गीतिका गुप्ता, चोर-अमन कुमार एवं शान्ति की भूमिका रिया सैनी ने की है। मंच पार्श्व में लाइट-केशव गुप्ता, पार्श्व संगीत-प्रवीण कुमावत, रूपसज्जा-असलम पठान, मंचसज्जा-धर्मेन्द्र भारती, वस्त्र सज्जा-आशा गुप्ता, बैक स्टेज-माधव शर्मा एवं प्रस्तुति प्रबंधक-केशव गुप्ता का रहेगा। नाटक का लेखन कैलाश सोनी ने एवं निर्देशन सीमा गुप्ता ने किया है।
नाटकों का मंचन रवीन्द्र मंच के मिनी थियेटर में सांय 6.30 बजे से किया जाएगा।
(अध्यक्ष)