विश्व नेत्रदान दिवस : 200 नेत्रदानी परिवार हुए सम्मानित, नम आंखों नेत्रदानी परिवार ने स्वीकार किया सम्मान

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-आई बैंक सोसायटी आॅफ राजस्थान कोटा चेप्टर द्वारा नेत्रदाता परिवार,नेत्र चिकित्सक एवं सहयोगकर्ता हुए सम्मानित
-देश में हर 1 मिनट में एक बच्चा और और हर 5 सेकंड में एक व्यस्क व्यक्ति अंधता को प्राप्त

कोटा 10 जून : आई बैंक सोसायटी आॅफ राजस्थान कोटा चेप्टर द्वारा विश्व नेत्रदान दिवस पर नेत्रदाता परिवार,नेत्र चिकित्सक एवं सहयोग कर्ता सम्मान समारोह झालावाड़ रोड स्थित पुरूषार्थ भवन में आयोजित किया गया गया। सचिव सुरेश सेडवाल ने बताया कि इस अवसर पर 200 नेत्रदाता परिजनों को माला,शॉल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। संयोजक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पाण्डेय ने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से नेत्र की आवश्यकता एवं कार्निया प्रत्यारोपित की प्रक्रिया को दर्शाया गया। कार्यक्रम में शाईन इण्डिया का भी योगदान रहा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा,अध्यक्षता कर रही कोटा मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता सक्सेना,विशिष्ट अतिथि रेडक्रॉस सोसायटी के राजस्थान चैयरमेन राजेश कृष्ण बिरला,कोटा एस पी शरद चौधरी,पवन कुमार जैन कमांडेंट आर ए सी,आई बैंक सोसायटी आॅफ राजस्थान कोटा चेप्टर के अध्यक्ष के के कंजोलिया एवं राजस्थान की सीनियर मैनेजर सुदर्शना शेखावत व कोऑर्डिनेटर एच सी सिंघल ने नेत्रदानी परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर नेत्र चिकित्सा एवं सहयोगी ईश्वर लाल सैनी,डा.महेश पंजाबी,जी डी पटेल,राजेन्द्र अग्रवाल,डा सुरेश पाण्डेय,डा शैलेन्द्र बिरला,डा कुलवंत गौड़, अग्रवाल,हरिश अग्रवाल आदि को सम्मानित किया गया।

नेत्रदान में कोटा चैप्टर प्रथम
अपने स्वागत भाषण मे डा. के के कंजोलिया ने कहा कि आई बैंक सोसायटी आॅफ राजस्थान ने कोटा चेप्टर को उनके कॉर्निया डोनेशन में सर्वश्रेष्ठ चेप्टर घोषित किया था। 22वीं जनरल बोर्ड मीटिंग में आई बैंक सोसायटी राजस्थान के अध्यक्ष बी एल शर्मा आई ए एस ने कोटा चेप्टर को प्रमाण पत्र सौपा था। उन्होने कहा कि सभी के सहयोग से कोटा चेप्टर निरंतर सक्रिय होकर कार्य कर रहा है। डा. के के कंजोलिया ने बताया कि आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान पिछले 20 वर्षो से प्रदेश में नेत्र दान अभियान में गतिशील है।सोसायटी कॉर्निया अंधता से परेशान रहे मरिजों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील है।
सोसायटी द्वारा 2002 से मई 2023 तक कुल 19835 कॉर्निया प्राप्त किए गए एवं 12787 कॉर्निया प्रत्यारोपित किए गए इस प्रकार हमारा यूटिलाइजेशन राईड 64.47 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय प्रतिशत 55 प्रतिशत है। कोटा चेप्टर कोऑर्डिनेटर डॉ सुरेश पाण्डेय ने बताया कि कोटा चेप्टर 9 अक्टूबर 2011 से कोटा संभाग में कार्यरत है प्रथम वर्ष 6 कॉर्निया ही प्राप्त हो सके, मई 2023 तक संस्थान ने कुल 1546 कॉर्निया प्राप्त किए जा चुके है। जिनमें से 846 कार्निया प्रत्यारोपित किये जा सके है। इसका यूटिलाइजेशन रेट 55 प्रतिशत है।

रक्तदान के बाद नेत्रदान मे कोटा बने नम्बर वन
सभा को सम्बोधित करते हुए अतिथियों ने अपने विचार मंच से रखे। मुख्य अतिथि संदीप शर्मा ने नेत्रदान को महादान की संज्ञा देते हुए कहा कि नेत्रदानी परिवारों का सम्मान करना सामाजिक सद्भाव, मानवीयता और उदारता के प्रतीक है । संस्था के इस कार्य से शहर में नेत्रदान के प्रति रुझान बढ़ेगा। सिटी एसपी शरद चौधरी ने कहा कि आज जिन व्यक्तियों को हम सम्मानित कर रहे है उन्हे मंच पर स्थान मिलना चाहिए। असली सम्मान के हकदार नेत्रदानी परिवार है जिनकी प्रेरणा से अन्य लोग नेत्रदान के लिए आगे आयेंगे। इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी राजस्थान के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेत्रदान मानवीय अनुदान का एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एक उच्चतम दान है जिससे एक व्यक्ति कर सकता है। यह उच्च विचारशीलता और दया का प्रतीक है। इस दान से आप किसी व्यक्ति के अंधेरे जीवन में रंग भर देते हो। मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता सक्सेना ने अपने मार्मिक उद्बोधन में कहा कि नेत्रदान के प्रति भावुकता से मार्मिक रूप पेश किया और नेत्रदान प्राप्त करने वाले व्यक्ति जीवन में परिवर्तन को भी बताया। उन्होने नेत्रदान के आव्हन करते हुए कहा कि कोटा में जिस प्रकार रक्तदान के प्रति जागरूकता है उस प्रकार नेत्रदान के प्रति भी जागरूकता बढाना आवश्यक है कोटा को नेत्रदान में भी प्रथम पायदान पर लाना है।

प्रति 5 सेकेण्ड एक व्यक्ति खोता है नेत्र
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश पाण्डेय ने अपने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि कॉर्निया ट्रांसप्लांट के बारे में बताया उन्होने बताया कि भारत में हर 1 मिनट में एक बच्चा और और हर 5 सेकंड में एक व्यस्क व्यक्ति अंधता को प्राप्त हो रहा है। देश भर में ढाई लाख कॉर्निया की जरूरत है लेकिन 50,000 ही उपलब्ध हो पाते हैं। इसके लिए लोगों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में नेत्रदान करें।
एक आंकड़े के अनुसार भारत में लगभग 1.25 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं, जिसमें करीब 30 लाख व्यक्ति नेत्र प्रत्यारोपण के माध्यम से नवदृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। आकलन बताता है कि एक वर्ष में देश में जितने लोगों की मृत्‍यु होती है। अगर सभी के नेत्रों का दान हो जाए तो देश के सभी नेत्रहीन लोगों को एक ही साल में आंखें मिल जाएंगी। मगर लोग नेत्रदान करते नहीं हैं और कार्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची लंबी होती जाती हैं।

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