India GDP Growth : वर्ल्ड बैंक ने भारत की GDP को लेकर बड़ा आंकड़ा पेश किया है। आंकड़े को जारी करते हुए विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि इस साल भले ही GDP ग्रोथ थोड़ी सुस्त रहेगी, लेकिन आने वाले वर्षों में रफ्तार में तेजी आएगी और भारत की ग्रोथ अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा ही रहेगी।भारत में विश्वबैंक के स्थानीय निदेशक आगस्ते तानो कोउआमे ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “आज दुनिया की स्थिति बहुत कठिन है। मुद्रास्फीति ऊंची है और ब्याज दरें चढ़ी हुई हैं, ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कुछ समय तक चुनौतियां बनी रहेंगी।” उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है। देश के कुछ दीर्घकालिक लक्ष्य हैं और कुछ अल्पकालिक चुनौतियां हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में कुछ समय से मुद्रास्फीति के ऊंचा रहने और मौद्रिक नीति की कठोरता के बावजूद देश की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है, राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम हो रहा है और जीडीपी के हिसाब से कर्ज का अनुपात कम हो रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में निजी उपभोग मांग में वृद्धि 5.9 प्रतिशत, सरकारी उपभोग में 4.1 प्रतिशत, सकल पूंजीगत निर्माण (निवेश) में 8.9 प्रतिशत, वस्तु एवं सेवा क्षेत्र के निर्यात में 0.9 प्रतिशत और आयात में तीन प्रतिशत की वृद्धि होगी। विश्व बैंक के अधिकारियों ने कहा कि भारत में निवेश में वृद्धि जीडीपी वृद्धि से ऊपर है जो अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत है। रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान निवेश (सकल स्थिर पूंजी निर्माण) में 7.8 प्रतिशत तथा उसके अगले साल निवेश में वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहेगी। इस तरह आगे वाले वर्षों में भी निवेश की गति जीडीपी वृद्धि से तेज रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष में निर्यात में 6.7 प्रतिशत और उसके बाद के वर्ष में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। विश्व बैंक के अधिकारियों ने पिछले आम बजट को एक बहुत ही मजबूत बजट बताया और कहा कि इससे राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता झलकती है और आगामी चुनावों के कारण राजकोषीय घाटे के बढ़ने का कोई खतरा नहीं दिखता।