जयपुर, 5 जून। राज्य उपभोक्ता आयोग ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड के 115 मामलों में करीब 175 करोड रुपए की बकाया वसूली और आरोपियों पर वारंट की तामील कराने के लिए डीजीपी को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। आयोग ने डीजीपी को कहा है कि वे इस संबंध में आईपीएस स्तर के अफसर के नेतृत्व में एसआईटी गठित करें और आरोपियों पर वारंट की तामील कराए। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जस्टिस देवेंद्र कच्छावा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने यह आदेश दिए हैं।
आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी ने बताया कि इससे पहले भी राज्य उपभोक्ता आयोग ने 19 सितंबर 2022 व 3 मार्च 2023 को डीजीपी को निर्देश दिए थे। डीजीपी को निर्देश दिए गए थे कि वे यूपी के डीजीपी से संपर्क कर आरोपियों को वारंट की तामील कराना सुनिश्चित कर उन्हें गिरफ्तार कर पेश कराए। वहीं जमानती वारंट की स्थिति में जमानत तब ही दी जाए जब कोई हैसियतदार व्यक्ति आरोपी की जमानत देने को तैयार हो। यदि ऐसा नहीं हो तो उसे भी गिरफ्तार कर पेश किया जाए।
मामले के अनुसार वर्ष 2005 में लोगों ने सहारा प्राइम सिटी में मकान बुक कराया था। इन लोगों ने वर्ष 2012 तक मकान की तय राशि भी जमा करा दी, लेकिन उन्हें वर्ष 2019 तक मकान का कब्जा नहीं दिया गया। इस पर उपभोक्ताओं ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अलग-अलग परिवाद पेश किए। जिस पर अक्टूबर, 2019 व उसके बाद आयोग ने वसूले गए रुपए ब्याज सहित लौटाने को कहा, लेकिन इन आदेशों की पालना नहीं हुई। मामले में आयोग पूर्व में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहित अन्य के वारंट भी जारी कर चुकी है।