उदयपुर, 22 अप्रैल(ब्यूरो)। झीलों का शहर उदयपुर अक्षय तृतीया शनिवार को 470 साल का हो गया लेकिन प्रशासन और नगर निगम दोनों ने इस दिन कोई उत्सव नहीं मनाया। कोरोना काल के बाद यह पहली बार है जब उदयपुर में सरकारी स्तर पर किसी तरह का आयोजन नहीं हुआ। मेवाड़ उत्सव बनाने वाला पर्यटन विभाग ने भी उदयपुर स्थापना दिवस को लेकर कोई कार्यक्रम नहीं रखा।
शहरी निकाय और ना ही जिला प्रशासन ने उदयपुर के स्थापक महाराणा उदयसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और ना ही कोई कार्यक्रम आयोजित किया। हालांकि इससे पहले उदयपुर जिला प्रशासन तथा नगर निगम उदयपुर स्थापना दिवस पर हर बार कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इस मामले में संबंधित विभागों के मुखियाओं ने चुप्पी साधे रखी, वहीं आम जनता का कहना है कि जिला प्रशासन का पूरा ध्यान आदिवासी कोटड़ा की ओर है। जबकि अभी तक वहां भी ऐसी कोई ठोस योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई, जो वहां पर्यटक पहुंच पाए। उदयपुर शहर विश्व के टॉप टेन पर्यटन सिटी में शुमार होने के बावजूद पर्यटन विभाग ने भी उदयपुर शहर की स्थापना दिवस पर किसी तरह का कार्यक्रम नहीं रखा। ऐसे ही हालात नगर निगम प्रशासन के रहे, जिसने भी उदयपुर स्थापना दिवस को पूरी तरह भुला दिया। कुछ सामाजिक संगठनों ने अवश्य उदयपुर स्थापना दिवस को लेकर छोटे आयोजन रखे।