जेल में सुरक्षा और व्यवस्था की खुली पोल, जेलर-जेल प्रहरियों की भूमिका पर उठ रहे सवाल
उदयपुर, 17 मई(ब्यूरो)। सेन्ट्रल जेल उदयपुर की बुधवार सुबह छह बजे पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के निर्देश पर अचानक जांच की गई। इस दौरान जेल के अंदर कैदियों से 2 मोबाइल, 1 सिम और 30 ग्राम गांजा बरामद हुआ।
इस खुलासे ने सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की कार्रवाई ने जेल की कमजोर और लचर सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी। जिसको लेकर ड्यूटी पर तैनात जेलर और जेल प्रहरियों की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई। तीन महीने पहले भी पुलिस ने जांच के दौरान जेल के कैदियों से मोबाइल बरामद किया था।
एसपी बोले, जेलर की जिम्मेदारी
उदयपुर एसपी विकास शर्मा का कहना है कि जेल में यदि कोई भी प्रतिबंधित पदार्थ, मादक पदार्थ, मोबाइल आदि सामग्री मिलती है तो इसके लिए जेलर जिम्मेदार होता है। फरवरी में भी जेल से कैदियों के कब्जे से छह मोबाइल मिले थे और इस बार भी दो मोबाइल मिले। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक उजागर हुई है।
हिस्ट्रीशीटर दिलीपनाथ कर रहा था जेल में मोबाइल का इस्तेमाल
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने जब फरवरी 23 में जेल में अचानक छापेमारी की कार्रवाई की तब बैरक नंबर नौ के हिस्ट्रीशीटर दिलीपनाथ से मोबाइल बरामद किया। वह जेल में रहकर बदमाशों का नेटवर्क संचालित कर रहा था और उसने जेल में रहते हुए बजरंग दल के एक नेता की हत्या करा दी थी।