राजस्थान के सबसे खूबसूरत रूट पर चलेगी टूरिस्ट ट्रेन टूरिस्ट देखेंगे अंग्रेजों के जमाने का रेलवे ट्रैक,22 किलोमीटर का रहेगा सफर

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तखतगढ 31 मई राजस्थान का सबसे खूबसूरत ट्रेन रूट में शामिल पाली जिले का काम्बली घाट- फुलाद सेक्शन पर अब टूरिस्ट ट्रेन चलेगी। ट्रेन में बैठकर टूरिस्ट इस मनमोहक प्राकृतिक नजारों सहित अंग्रेजों के जमाने में बना हेरिटेज पूल, सुरंग का दीदार कर सकेंगे। इस टूरिस्ट ट्रेन में बड़ी-बड़ी खिड़कियां होगी जिससे टूरिस्ट ट्रेन में बैठे-बैठे यहां के मनमोहक नजारे देख सकेंगे और मोबाइल कैमरे में आसानी से कैद भी कर सकेंगे।
दरअसल रेलवे के अजमेर मंडल काम्बली घाट- फुलाद सेक्शन को हेरिटेज सेक्शन के रूप में विकसित कर रहा है। यहां टूरिस्ट ट्रेन सर्विस का संचालन किया जाएगा। अजमेर मंडल के काम्बली घाट- फुलाद सेक्शन जिसे घाट सेक्शन भी कहा जाता है। यहा एक पर्यटक ट्रेन शुरू करने की योजना है। यह टूरिस्ट ट्रेन रेल बस होगी जो उत्तर पश्चिम रेलवे के विरासत मीटर गेज के घाट खंड पर विभिन्न दर्शनीय स्थलों को कवर करेगी। हेरिटेज घाट खंड में कई खड़ी ढलानें, तीखे मोड़, सुरंगें, पुल आदि शामिल हैं जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और इंजीनियरिंग चमत्कारों का एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यह खंड कई सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित रेलवे संरचनाओं से होकर भी गुजरता है। इस ट्रेन को घाट एक्सप्रेस नाम दिए जाने की संभावना है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजमेर मंडल विवेक रावत के अनुसार हेरिटेज घाट एक्सप्रेस ट्रेन में 5 कोच तक होंगे, जिसमें एक विशेष कोच भी शामिल है, जिसमें मनोरम दृश्य के लिए बड़ी खिड़कियां हैं। ट्रेन में एक डाइनिंग कार भी उपलब्ध होगी। घाट एक्सप्रेस 30 यात्रियों की क्षमता वाली रेलबस है। अजमेर मंडल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए हेरिटेज घाट एक्सप्रेस ट्रेन सेवा के विपणन और बिक्री के लिए संभावित फर्मों और संगठनों की तलाश कर रहा है। इसके लिए रूचि की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के लिए भी विज्ञप्ति जारी की गई है। जिन फर्मों के पास पर्यटन उत्पादों और सेवाओं, विशेष रूप से पर्यटक ट्रेन सेवा के विपणन और बिक्री में प्रासंगिक अनुभव और विशेषज्ञता है, वे इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। इस गतिविधि का उद्देश्य ट्रेन सेवा राजस्व और ब्रांड जागरूकता को बढ़ाना और अधिक से अधिक पर्यटकों को हेरिटेज घाट सेक्शन और इसके पर्यटक आकर्षणों को देखने के लिए आकर्षित करना है।
पहाड़ काटकर बिछाई गया था रेलवे ट्रेक बता दे कि मेवाड़ इलाके को मारवाड़ को जोड़ने के लिए अंग्रेजों के जमाने में सन् 1931 में रेलवे लाइन बिछाई गई थी। 1938 में मावली से मारवाड़ जंक्शन तक ट्रेन शुरू हुई। कुल 152 किलोमीटर का सफर है। जिसमें से 22 किलोमीटर का सफर पहाड़ों के बीच से गुजरता है।

— यहां भी जाने, ब्रिटिश राज में बिछाई इस मीटर गेज रेलवे लाइन के बारे में सन् 1932 में ब्रिटिश राज में मारवाड़ मेवाड़ इलाके को जोड़ने के लिए यह रेलवे लाइन बिछाई गई। • 1938 में मावली से मारवाड़ जंक्शन तक ट्रेन शुरू हुई। मीटर गेज ट्रैक 152 किलोमीटर का है। • 22 किलोमीटर का सुहाना सफर। जिसमें ट्रेन पहाड़ों के बीच से गुजरती हैं। करीब 6 घंटे का है। मारवाड़ से मावली का सफर। • 23 मार्च 2020 को बंद हुई थी ट्रेन, जो मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से 24 अगस्त को मावली तक चली।

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