दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के फाउंडर टेरी गौ ताइवान का राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव लड़ेंगे। सोमवार को उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की है। ये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उनकी दूसरी बिड है।
इससे पहले उन्होंने साल 2019 में फॉक्सकॉन के चीफ पद छोड़कर ताइवान की विपक्षी पार्टी KMT का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की पेशकश की थी। हालांकि, पार्टी ने उनकी बजाय किसी और को चुना। ताइवान में KMT को चीन की करीबी पार्टी माना जाता है।
2 नवंबर तक 3 लाख वोटरों के सिग्नेचर की जरूरत
गौ को निर्दलीय उम्मीदवार बनने के लिए 2 नवंबर तक 3 लाख वोटरों के सिग्नेचर की जरूरत होगी। गौ कुछ हफ्तों से ताइवान के दौरे पर हैं। कैंपेन के दौरान उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के रूल में ताइवान जंग की तरफ बढ़ता जा रहा है। इनकी पॉलिसी गलतियों से भरी पड़ी है।
गौ ने लोगों से कहा- मुझे 4 साल दीजिए मैं ताइवान में 50 साल के लिए शांति ला दूंगा। ताइवान को यूक्रेन नहीं बनने दूंगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गौ का चुनावी कैंपेन चीन से रिश्ते सुधारने और देश को जंग के मुहाने पर ले जाने से बचाने का है।
सत्ताधारी पार्टी की पसंद चीन के ट्रबल मेकर विलियम लाई
ताइवान की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी उप- राष्ट्रपति विलियम लाई को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। चीन इन्हें खासतौर पर नापसंद करता है। हाल ही में अमेरिका की यात्रा पर जाने पर चीन ने उन्हें ट्रबल मेकर यानी मुसीबतें खड़ी करने वाला कहा था।
वहीं, जब गौ से पूछा गया कि उनके पास फॉक्सकॉन कंपनी के सबसे ज्यादा शेयर हैं ऐसे में उनके राष्ट्रपति बनने से कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की सिचुएशन बन सकती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वो देश की सेवा करने के लिए अपनी संपत्ति त्यागने को तैयार हैं। चीन का समर्थक होने के आरोपों को गौ ने झूठ बताया। उन्होंने कहा- मैं कभी चीन के प्रभाव में नहीं रहा हूं। मैं उनके इशारों पर नहीं चलता।
गौ की कंपनी सेमीकंडक्टर चिप बनाती है, इससे दुनिया में नई जंग छिड़ रही
गौ की कंपनी फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर चिप बनाती है। एपल के फोन में भी इसी कंपनी की एसेंबल की गई सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल होता है। सेमीकंडक्टर चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम को ऑटोमैटिकली ऑपरेट करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, स्मार्ट वॉशिंग मशीन में कपड़े पूरी तरह धुलने के बाद ऑटोमैटिक मशीन बंद हो जाती है। इसी तरह कार में जब आप सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार आपको अलर्ट देती है। ये सेमीकंडक्टर की मदद से ही होता है। सेमीकंडक्टर चिप सिलिकॉन से बनी होती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में दुनिया का हर देश इलेक्ट्रानिक सेमीकंडक्टर चिप्स के बाजार को कंट्रोल करना चाहता है। इस ताकत को समझते हुए ही भारत में भी सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए नई योजनाएं शुरू की हैं।
चीन ने पूरी दुनिया को सस्ते इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिए हैं। इस बाजार पर उसका अभी दबदबा कायम है। मगर इसे बनाए रखने के लिए उसे बड़ी मात्रा में सेमीकंडक्टर चिप्स की जरूरत है। ताइवान दुनिया में सबसे ज्यादा सेमीकंडक्टर निर्माता है। ऐसे में चीन उसे पूरी तरह काबू करना चाहता है।