टाइगर ST-24 को भा रहा है जमवारामगढ़ वन क्षेत्र

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आज ही के दिन सरिस्का से आया था जमवारामगढ़ वन क्षेत्र में टाइगर ST-24
जमवारामगढ़ 24 अगस्त 2022 को सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र छोड़कर आए टाइगर एचडी 24 को जमवारामगढ़ वन क्षेत्र भा रहा है। टाईगर ST-24 के प्रवास को एक साल पूरा होने पर वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है। डीएफओ सागर पवार ने बताया की जब टाईगर ST -24 ने जमवारामगढ़ में प्रवेश किया था और यह जमवारामगढ़ के लिए एक शुभ संकेत था। टाइगर ने अपने आप को यहां के माहौल में ढाल लिया है। आज ही के दिन 24/8//2022 को टाईगर ST-24 ने सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र से वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र जमवारामगढ़ में प्रवेश किया था। टाईगर ST-24 को जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पूरी तरह से रास आ गया है। टाईगर पूरी तरहं से यहां के माहौल में घुल मिल गया है। जानकार लोगों ने बताया कि टाईगर की लोकेशन सांऊ के कुंडयाल में ही देखी गई। टाइगर के एक वर्ष के प्रवास के दौरान टाईगर ST-24 का मूवमेंट सांऊ क कुंडयाल, निंबी, भांडयावाला, झोल, मानोता, पापड, सरजोली, चूली बावड़ी, सांऊ, आडा डूंगर, बिशनपुरा, पाली, कोल्याणा, अचरोल, मारू का टीबा, माथासूला, सामरेड कलां, हवा ओदी, रायपुर, घोरेट, बामनवाटी, खरड़, ऊमरीधाम, भींवास एवं गोपालगढ़ आदि स्थानों पर रहा। क्षेत्रीय वन अधिकारी सीताराम मीणा ने बताया की जमवरामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में अपने एक वर्ष के प्रवास के दौरान टाईगर ST-24 ने हालांकि करीब एक दर्जन से अधिक पालतू पशुओं सहित अनेक जंगली जानवरों का शिकार किया, लेकिन किसी प्रकार की जनहानि नहीं पहुंचाई। वन्यजीव प्रेमी गिर्राज शर्मा, प्रीतम शर्मा, गोबिंद गुप्ता ने बताया की टाईगर ST- 24 को जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पूरी तरह से रास आ गया है। टाईगर ST-24 जब रामगढ़ में आया था तो शुरुआत में लोगों में दहशत मिश्रित रोमांच था, लेकिन अब सब कुछ पहले जैसा ही महा हो गया है।
मादा पैंथर हो तो बड़े टाइगर का कुनबा-
जानकार लोगों का कहना है कि टाइगर का कुनबा बढ़ाने के लिए मादा टाईगर की आवश्यकता है। वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में टाईगर ST-24 के लिए यदि एक मादा टाईगर की व्यवस्था हो जाये तो जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में भी टाईगर के शावकों की किलकारियां गूंजने लगेंगी। डीएफओ पंवार सागर ने कहा की टाईगर ST-24 को जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पूरी तरह से रास आ गया है। ओर वनकर्मी पूरी मुस्तैदी से टाईगर की मानिटरिंग कर रहे हैं। टाईगर के खान-पान सहित व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। टाईगर का कुनबा बढ़ाने के लिए मादा टाईगर की व्यवस्था को लेकर वो कुछ नहीं बता सकते। इस बारे में उच्चाधिकारी ही कुछ बता सकते हैं।

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