विश्व विख्यात तनोट मातेश्वरी मंदिर का नए सिरे से जीर्णोद्धार

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6 मई की विधिवत मंदिर के जीर्णोद्धार का भूमिपूजन
जैसलमेरी शैली व पीले पत्थर से होगा मंदिर का भव्य पुननिर्माण

जैसलमेर विमल भाटिया। जैसलमेर से लगती पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट सिथित 1200 साल पुराने विख्यात तनोट मातेश्वरी मंदिर का नए सिरे जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इसका भूमि पूजन का कार्यक्रम 6 मई को तनोट माता मंदिर के पीछे जहां से सबसे पहले तनोट माता की मूर्तियां प्रकट हुई थी वहीं पर आयोजित किया जा रहा है। बी.ए.एफ की देखरेख में बनने वाले नए भव्य मंदिर पर प्रारंभिक रूप से 15 से 20 करोड़ रुपये का खर्चा होने की संभावना है। इसके लिये वृहद्व तैयारियां शुरू की गई है। व बी.एस.एफ द्वारा तैयार किए जाने वाले भव्य मंदिर का एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है।

इस भूमि पूजन के कार्यक्रम के दौरान सेक्टर नार्थ के डीआईजी असीम व्यास, सेक्टर कमांडेंट लोकेश कुमार, 166 बी.एस.एफ के कमांडेंट वीपी सिंह, सहित अन्य अधिकारी जवान व बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहेंगे।

बी.एस.एफ के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर से लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित चमत्कारिक व विख्यात प्राचीन देवी मंदिर तनोट मातेश्वरी में हर साल श्रृद्वालुओं का आगमन बढ़ता जा रहा है। प्रतिवर्ष लाखों श्रृद्वालु इस मंदिर में दर्शनों के लिये आते है। तनोट माता द्वारा 1965 व 1971 में दिखाए गए चमत्कारों व पाकिस्तानी सेना द्वारा बरसाए गए सैकड़ों बम जो इस माता के चमत्कार के कारण से नहीं फट पाए के साथ अन्य कई ऐसे चर्चित चमत्कार हुवे जिसके कारण तनोट माता मंदिर की प्रसिद्वि देश विदेश में फैलती जा रही है। इसको देखते हुवे सीमा सुरक्षा बल द्वारा तनोट मातेश्वरी मंदिर को और भव्य व विशाल बनाने का निर्णय किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक 1200 साल पहले जहां पर तनोट मातेश्वरी मंदिर की मूर्तियां प्रकट हुई थी। यह स्थान वर्तमान मंदिर के पीछे वाले भाग में स्थित है। यहां पर बी.एस.एफ प्रशासन द्वारा भव्य मंदिर बनाने की परिकल्पना की गई है। राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक पुनीत रस्तोगी के दिशानिर्देशन में व बी.एस.एफ सेक्टर नाॅर्थ के डी.आई.जी असीम व्यास के मार्गदर्शन में इस भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन 6 मई शनिवार को तनोट मातेश्वरी मंदिर परिसर में किया जा रहा है। यह मंदिर भव्य कलात्मक शिल्प सौन्दर्य से परिपूर्ण होगा और जैसलमेरी पत्थर से इसका निर्माण किया जाएगा। करीब 15 से 20 करोड़ रूपए की इस पर लागत आने की संभावना है। बी.एस.एफ द्वारा इसके निर्माण के लिये डिजाईन तैयार करवाई गई हैं और जब यह मंदिर बन कर निर्माण हो जाएगा तब एक भव्य नजारा प्रस्तुत करेगा। इस मंदिर स्ट्रक्चर परिसर का क्षेत्रफल काफी बड़ा होगा ताकि आने वाले श्रृद्वालु माता के भव्य दर्शन कर लाभ ले सकंेगे। इसके साथ ही यहां पर भव्य धर्मशाला का भी निर्माण श्रृद्वालुओं के लिये करवाया जाएगा।

गौरतलब हैं कि इसी तनोट क्षेत्र में गत वर्ष केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बोर्डर टूरिज्म की आधारशिला रखी थी। यहां पर बोर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये सैलानियों के लिये कई प्रकार की सुविधाएं और म्यूजीयम, केफेटेरिया आदि का निर्माण किया जाना है।

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