मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा महाराणा प्रताप से मिलती है : राज्यपाल मिश्र

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प्रताप स्मारक समिति को मिला टी 55 टैंक, राज्यपाल ने किया अनावरण

उदयपुर, 6 मई(ब्यूरो)। राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को उदयपुर दौरे पर रहे। जहां से वह सीधे मोती मगरी स्थित प्रताप स्मारक पहुंचे। जहां भारतीय सेना द्वारा प्रताप स्मारक स्थल को उपहार में मिले युद्धक टैंक टी 55 का अनावरण किया।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में महाराणा प्रताप के बलिदान को याद किया और कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी समझौता नहीं किया, विपरीत परिस्थितियों में घास की रोटी खाकर, स्वाभिमान की रक्षा करते हुए जीवन यापन किया। इतना ही नहीं, प्रताप ने अकबर की बड़ी सेना का अपने पराक्रम से मुकाबला किया।
राज्यपाल ने कहा कि महाराणा प्रताप द्वारा मातृभूमि की आजादी के लिए किया गया संघर्ष मामूली नहीं था, वह अपनी छोटी सी परन्तु बहादुर सेना के साथ युद्ध लड़ते रहे, छापामार युद्ध पद्धति, शत्रुओं को हतोत्साहित करने की शक्ति आदि ने उन्हें हमेशा अग्रणी रखा। मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा महाराणा प्रताप से ही मिलती है।

उन्होंने अपने भाषण में प्रताप स्मारक की स्थापना के महत्व एवं यहां टी 55 टैंक को यहां लाने पर अपने विचार प्रस्तुत किए। भाषण में टी 55 को विशेषताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कार्यक्रम में भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के परिजनों का सम्मान भी किया।
प्रताप स्मारक समिति अध्यक्ष लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक समिति शहीदों के परिजनों को सम्मानित करते हुए अपने आपको गौरवान्वित महसूस करती है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की भूमि हमेशा संघर्षशील रही और कभी आक्रान्ताओं के सामने समझौता नहीं किया। सेवानिवृत लेफ़्टिनेंट जनरल जे एस नैन ने युद्धक टैंक टी-55 की महत्ता और युद्धों में इसके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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