जोधपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्वर्णप्राशन कार्यक्रम शुक्रवार को पुष्यनक्षत्र योग में एम्स जोधपुर की आयुष ओपीडी में, जालोरी गेट के निकट शनिश्चर थान, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित लवकुश गृह नवजीवन संस्थान, मगरा पूंजला स्थित राजकीय किशोर गृह, विश्वविद्यालय आयुर्वेद चिकित्सालय करवड़ और गोद-ग्राम घड़ाव के राजकीय विद्यालय में आयोजित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि आमजनता में बच्चों के सर्वांगीण स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन के लाभ और महत्त्व के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये प्रतिमाह की भांति 28 अप्रेलको जोधपुर शहर के छह केन्द्रों पर स्वर्णप्राशन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के घट जाने से बच्चों में प्राय: संक्रमणजनित रोग हो जाने से उनकी शारीरिक-मानसिक-बौद्धिक वृद्धि एवं विकास अवरुद्ध हो जाता है तथा बच्चे एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं। अनेक रोगों में एंटीबायोटिक दवाएं भी निष्प्रभावी हो जाने से स्थिति जटिल हो जाती है, ऐसी परिस्थिति में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाना आवश्यक हो जाता है और इसके लिये आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित स्वर्णप्राशन सर्वथा उपयुक्त एवं प्रभावी उपाय है। प्रो. प्रजापति ने बताया कि प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र के दिन विश्वविद्यालय के बाल रोग विभागान्तर्गत करवड़ स्थित चिकित्सालय सहित छह केन्द्रों पर सैकड़ों की संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से स्वर्णप्राशन ड्रॉप्स पिलाने के लिये आ रहे हैं। स्वर्ण प्राशन की अगली खुराक आगामी पुष्य नक्षत्र 25 मई को उक्त छहों स्थानां पर बच्चों को पिलाई जायेगी।