पाली 9 सितंबर ओम वैष्णव भाजपा की राजनैतिक घरातल मे उलट फ़्लूट मचाने वाले नगरपरिषद के ठेकेदार हनुमानसिंह आत्महत्या प्रकरण में सभापति रेखा भाटी एवं उनके पति राकेश भाटी पर लगे आरोपों की जांच के बाद सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी ने क्लीन चिट दे दी है। यह जानकारी सभापति रेखा भाटी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में दी। इस प्रकरण के बाद सभापति रेखा भाटी और उनके पति राकेश भाटी को भाजपा से निष्काषित कर दिया गया था। वही स्वायत्त शासन विभाग ने भी उन्हें सभापति के पद से हटा दिया था जिसे लेकर उन्हे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी जहां सभापति भाटी को स्टे मिल गया था । भाटी को इसके साथ ही ACB ने नया गांव सड़क का दो बार भुगतान उठाने, पेचवर्क का दो बार भुगतान उठाने, फर्जी पट्टा जारी करने के दो मामलों में भी क्लीनचीट देकर बड़ी राहत दी है ।
विधायक पारख के खिलाफ खोला मोर्चा राकेश भाटी ने चुनाव लड़ने की घोषणा की
अब ठेकेदार हनुमानसिंह आत्महत्या प्रकरण, पटटा प्रकरण एवं सडक निर्माण एवं पेच वर्क के भुगतान में अनियमितता के मामलों में क्लीन चिट मिलने के बाद उत्साहित राकेश भाटी ने पाली से विधानसभा चुनाव लडने की घोषणा की है। उन्होने यह तो नहीं बताया कि वे किस पार्टी से चुनाव लडेंगे पर उन्हौने विधायक ज्ञानचंद पारख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सरकार ने बनाई थी जांच कमेटी
आत्महत्या प्रकरण को लेकर सरकार द्वारा एक जांच कमेटी का गठन किया गया था इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सभापति रेखा भाटी एवं उनके पति को क्लीनचीट दे दी है। इसी के साथ सभापति के खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में भी रेखा भाटी को क्लीनचीट मिल गई है। इन गंभीर मामलों की जांच के लिए सरकार की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया था और इस कमेटी में 5 सदस्यों की नियुक्तिकी गई थी। इस कमेटी ने पाली नगरपरिषद सभापति रेखा भाटी एवं उनके पति राकेश भाटी को ठेकेदार हनुमानसिं द्वारा आत्महत्या करने के मामले में निर्दोष माना है वहीं दूसरी ओर एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनपर लगे विभिन्न आरोपों में भी क्लीन चिट दे दी है। एसीबी ने फर्जी पटटा जारी करने के आरोप के मामले में, नया गांव में निर्मित सडक का दो बार भुगतान उठाने एवं पेचवर्क का भी दो बार भुगतान उठाने के मामले में जाच की थी।
आत्महत्या प्रकरण में गर्माई थी राजनीति
गौरतलब है कि पाली नगरपरिषद में कार्यरत ठेकेदार ढाबर निवासी हनुमानसिंह राजपुरोहित ने 4 नवम्बर 2022 को को ढाबर स्थित अपने गांव में सुसाइड कर लिया था ।सुसाइड नोट में मृतक ने नगर परिषद में किए गए कार्यो के पेटे करीब दो करोड़ रुपए बकाया होने एवं उक्त राशि के भुगतान के लिए कमीशन मांगने के आरोप लगाए थे। हनुमान सिंह ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सुसाइड नोट में लिखा था कि परेशान होकर उन्हे आत्महत्या का कदम उठाना पड रहा है।
सुसाइड नोट में मृतक ने नगर परिषद सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और लेखा शाखा के नरेश चौधरी पर उन्हे प्रताडित करने का आरोप लगाया था जिसके बाद हनुमानसिंह के पुत्र ने रोहट थाने में नगर परिषद सभापति रेखा भाटी उनके पार्षद पति राकेश भाटी एवं आयुक्त को अपने पिता की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। सभापति पद गया तो गए कोर्ट की शरण में यह मामला इतना बढ गया था कि विधानसभा में भी इसकी गूंज सुनाई दी थी । विघायक पारख ने भी सभापति से किनारा कर लिया था । भाजपा के पार्षदों ने अपने चुने हुए हसभापति के ख़िलाफ़ घेराबंदी कर उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे ।