राज्य सरकार ने शहर को समस्या मुक्त करने का एक्शन प्लान किया पेश

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जयपुर, 11 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से शहर को गंदगी, ट्रैफिक जाम, और अतिक्रमण आदि से मुक्त करने के संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए एक्शन प्लान पेश किया गया। जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी है। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालती आदेश की पालना में एक्शन प्लान पेश किया गया। जिसमें कहा गया कि देश में पहली बार जयपुर पुलिस की ट्रैफिक बाइक पर नाइट विजन लेजर स्पीड सिस्टम स्थापित किया गया है। इस नाइट हॉक से तेज गति से वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह ई चालान डिवाइस से चालान कर ई-कोर्ट के माध्यम से उनका ऑनलाइन निस्तारण किया जा रहा है। वाहन दुर्घटनाओं में कमी के लिए रिफ्लेक्टर नहीं तो वाहन नहीं अभियान चलाया जा रहा है। वहीं शहर के 24 चौराहों को आदर्श चौराहा व 24 मार्गो को सुगम पथ के रूप में चयन कर यहां यातायात सुगम करने के लिए कार्रवाई की गई है। इसके अलावा सडक पर अवैध कट को बंद कर वहां रिफ्लेक्टिव जर्सी बेरिकेट्स लगाए गए हैं। यातायात शिकायत के लिए अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि शहर के बीच बहने वाला नाला व्यवस्थित नदी व ग्रीन बेल्ट में परिवर्तित हुआ है। जिसका उपयोग मनोरंजन स्थल के रूप में हो रहा है। वहीं कचरा गाहों के कचरा निस्तारण के लिए ठेका दिया जा चुका है। रिपोर्ट में बताया गया कि देहलावास एसटीपी पर 170 एमएलडी सीवरेज प्राप्त होने के कारण अतिरिक्त सीवरेज के लिए 90 एमएलडी क्षमता का अतिरिक्त सीवरेज प्लांट का निर्माण व मौजूदा का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। इसी तरह ब्रहमपुरी व जयसिंह पुरा खोर में भी दो अतिरिक्त प्लांट बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा कचरे से बिजली उत्पादन के लिए प्लांट की स्थापना का काम शुरू हो चुका है। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि शहर में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कैरिंग चार्ज वसूली जा रहा है। बीते एक अप्रैल से 31 अप्रैल तक कैरिंग चार्ज के रूप में 30 लाख 84 हजार से अधिक राशि वसूली गई है। इसके साथ ही गंदगी व अन्य शिकायतों के लिए कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। वहीं शहर में रोड स्वीपर मशीन से सफाई की जा रही है। जबकि सफाईकर्मियों के जरिए सफाई करवाकर डोर टू डोर कचरा उठाया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट में बताया गया की सफाई कर्मियों को सीवरेज मेल हॉल में नहीं उतरने के आदेश दिए गए है और इनमें सुपर सकर मशीन से सफाई की जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अतिक्रमणों पर कार्रवाई कर उन्हें हटाया जा रहा है और ट्रैफिक सुधार के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करने के बाद न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी व अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि सरकार ने कागजों में शहर को दुबई बना दिया है, लेकिन वास्तव में धरातल पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है।

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