भव्य कलश यात्रा के साथ होगा शुभारम्भ, 108 कुंडों पर बेठेंगे 321 जोड़े
श्रीमद भागवत कथा एवं रामलीला का भी आयोजन
शाहपुरा: ब्रह्मलीन संत पद्मश्री नारायणदासजी महाराज की तपोस्थली त्रिवेणी धाम में रामरिछपालदासजी महाराज के सानिध्य में 29 अक्टूबर से शुरू होने वाले 108 कुंडीय श्रीसीताराम महायज्ञ की लेकर गठित की गई अलग-अलग टीमें व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में दिन रात जुटी हुई है।
पुजारी रघुनन्दनदास महाराज, रामचरणदास महाराज, समाजसेवी रामेश्वर ताखर ने बताया कि ब्रह्मलीन संत नारायणदासजी महाराज के आशिर्वाद से रामरिछपालदासजी महाराज के सानिध्य में शुरू होने वाले श्रीसीताराम महायज्ञ के शुभारम्भ से पूर्व 29 अक्टूबर को प्रातः 7ः15 बजे से विद्वान पंडितों द्वारा यजमान जोड़ों से पूजा-अर्चना करवाने के बाद भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी उसके बाद दोपहर 12.15 बजे यज्ञ मंडप प्रवेश के साथ नव दिवसीय महायज्ञ शुरू होगा। उन्होने बताया कि महायज्ञ में सेवा देने वाले कार्यकर्ताओं की तैयारी बैठक कल शनिवार को होगी जिसमें महाराश्री कार्यकर्ताओं को दिश निर्देश देंगे।
108 कुंडों पर बेठेंगे 321 जोड़े
राजूदास, दिनेशदास, मुकेश सुद व मोहन टाटला ने बताया कि महायज्ञ को लेकर यज्ञशाला में 108 कुंडों पर रंग रोगन व रंगोली बनाकर अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होने बताया कि महायज्ञ में यज्ञाचार्य पंडित दिनेश त्रिवेदी के आचार्यत्व में करीब 400 विद्वान पंडित 108 कुंडो पर बेठने वाले 321 जोड़ों को आहुतियां दिलवाएंगे।
दो पारीयों में दी जायेगी आहुति
महायज्ञ में आहुति सुबह 8 से 11 बजे तक और दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक दो पारीयों में चलेगा तथा सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन और सायं 7 बजे से रामलीला का मंचन होगा।
शंकराचार्य और महामंडलेश्वरों का गाजे बाजे से होगा प्रवेश
समाजसेवी रामेश्वर ताखर ने बताया कि महायज्ञ में आने वाले शंकराचार्य और महामंडलेश्वरों को मुख्य गेठ से गाजे बाजे के साथ प्रवेघ कराया जायेगा। उन्होने बताया के संत-महात्माओं की ठहरने की व्यवस्था जाट धर्मशाला व विभिन्न मंडलों से आने-वाले संत-महात्माओं की व्यवस्था यादव धर्मशाला की गई है।