अंतरिक्ष विज्ञान के लक्ष्य पर बरसों पहले बनी आकृतियों को देख अभिभूत हुए शीर्ष विज्ञानी
उदयपुर, 4 अप्रेल ( ब्यूरो)। उदयपुर में आदित्य एल.1 व अन्य अंतरिक्ष मिशन को लेकर चल रही कार्यशाला में आए देश के शीर्ष विज्ञानी उदयपुर के एक स्कूल में बनी दो आकृतियों को देख अभिभूत हो गए और इस पर उन्होंने चर्चा भी की। दरअसल, यह आकृतियां मानव के अंतरिक्ष विज्ञान के लक्ष्यों की सफलताओं के साथ आगे के लक्ष्यों व जिज्ञासाओं से जुड़ी हैं और इनका संदर्भ उस समय का है जब मानव ने चांद पर कदम रखा था।
उदयपुर के विद्या भवन स्कूल के सभागार के द्वार के दोनों तरफ दो आकृतियां बनाई हुई हैं। भावी पीढ़ी से अंतरिक्ष विज्ञान की चर्चा के लिए वहां पहुंचे शीर्ष विज्ञानी प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद तथा अंतरिक्ष आयोग के सदस्यए इसरो के पूर्व अध्यक्ष, अंतरिक्ष विभाग के पूर्व सचिव, पीआरएल प्रबंध परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री एएस किरण कुमार और अहमदाबाद भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अनिल भारद्वाज कुछ समय के लिए ठहर गए और इनके बारे में जानकारी ली।
विद्या भवन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने बताया कि वर्ष 1970 में विद्या भवन के सभागार के द्वार पर बनाई गई इन प्रतिमाओं में से एक यह सवाल पूछती है कि मानव ने चंदमा को जीत लिया है, अब सूर्य पर विजय कब होगी। इसी तरह, दूसरी आकृति यह जिज्ञासा दर्शाती है कि अन्य ग्रहों पर भी हमारे जैसे भाई हैं या नहीं, यह सवाल वहां लिखे हुए भी हैं।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई 1969 मे मानव जब चंद्र पर गया तब उसके अगले ही दिन 21 जुलाई को विद्या भवन के स्थापना दिवस सामारोह मे इस वैज्ञानिक उपलब्धि का उत्सव मनाया गया। साथ ही यह चर्चा भी हुई थी कि मानव सूर्य विजेता कब बनेगा। यही जिज्ञासा दीवार पर उकेरी हुई है।
2023-04-05