-हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती, कांग्रेस पर लगातार हमलावार है भाजपा
-पीडि़त परिवार के सदस्यों की ओर से दायर की याचिका
-मुख्यमंत्री गहलोत बोले-वे भी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
जयपुर, 13 अप्रैल (विशेष संवाददाता) : जयपुर बम ब्लास्ट मामले में प्रदेश सरकार ने एक पखवाड़े बाद भी एसएलपी दायर नहीं की, वहीं भाजपा ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दायर कर बाजी मार ली। इस मामले को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है और आरोपियों को राहत मिलने के लिए कांग्रेस सरकार को ही जिम्मेदार बता रही है। एसएलपी दायर करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बुधवार रात को ही दिल्ली पहुंच गए थे। दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत ने भी कहा है कि इस मामले को लेकर सरकार भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
13 मई 2008 को जयपुर में सीरियल बम धमाके हुए थे। इसमें करीब 71 लोगों की मौत और 185 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में चार आरोपियों को विशेष न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में उसी आदेश को 30 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके बाद से भाजपा इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर थी। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने जानबूझकर हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं की और इसी का परिणाम है कि आरोपी बरी हो गए। इसको लेकर भाजपा लगातार प्रदर्शन, कैंडल मार्च निकालकर गहलोत सरकार पर हमला कर रही थी। जब 15 दिन बाद भी कांग्रेस इस मामले को लेकर लापरवाह बनी रही तो फिर भाजपा ने बाजी मारते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एसएलपी दायर कर दी। नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने बताया कि पीडि़त ताराचंद की पत्नी राजेश्वर व मुकेश तिवारी के पुत्र अविनेश तिवारी की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। इस मामले में गहलोत सरकार ने जानबूझकर लापरवाही बरती और इसी के चलते खून की होली खेलने वाले आजाद हो गए। जबकि सरकार व अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी इमानदारी से नहीं निभाई। भाजपा पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा प्रयास करेगी। सत्ता में आने पर पीडि़तों को राहत पैकेज भी देंगे। इस मामले को लेकर राठौड़ ने देश के गृहमंत्री अमित शाह से भी चर्चा की। हालांकि इस मामले को लेकर बुधवार को जब सीएम अशोक गहलोत से प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि सरकार भी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।