उदयपुर, 1 अप्रेल ( ब्यूरो)। शहर के भट्टियानी चौहट्टा क्षेत्र में अज्ञात व्यक्ति ने नौ महीने के एक बंदर को गोली मार दी। जो उसकी रीढ़ की हड्डी में जा फंसी, जिससे वह चल पाने में सक्षम नहीं रहा। एनिमल एड की टीम ने बमुश्किल उसे रेस्क्यू किया और उपचार के लिए उसे जानवरों के हॉस्पिटल ले जाया गया। बताया गया कि उसे लगी गोली पिस्टल से निकली है।
मिली जानकारी के अनुसार गोली लगने के बाद से घायल बंदर का यह बच्चा दर्द से बुरी तरह तड़प रहा है। एक्सरे जांच में पता लगा कि बंदर के बच्चे की रीड की हड्डी में गोली फंसी है जिससे वह अपने पीछे के दोनों पैर से नहीं चल पा रहा। गेाली लगने से उसका पिछला हिस्सा एक तरह से लकवाग्रस्त की तरह हो गया है।
आसपास एकत्र हो गए थे कई बंदर, बमुश्किल रेस्क्यू किया गया
एनिमल एड की टीम की सदस्या शालू जैन तथा विनय सोनी को फोन के जरिए इस बंदर के बारे में पता चला। मोके पर पहुंचे बंदर का बच्चा तड़प रहा था तथा आसपास कई बंदर उसके आसपास घूम रहे थे। ऐसे में बड़े प्रयास के बाद घायल बंदर के बच्चे को रेस्क्यू किया गया। शुरू में लग रहा था कि शायद ऊंचाई से गिरने की वजह से वह घायल हो गया होगा, किन्तु जब उसे रेस्क्यू कर पकड़ा तो उसके पीठ में गहरा घाव था। अस्पताल ले जाकर उसका एक्सरा किया गया तब पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में गोली फंसी हुई है। यह जानकर वह हैरत में रह गई। उन्हें यकीन नहीं हो पा रहा था कोई बंदर के बच्चे को किसलिए गोली मारेगा।
वन्यजीव प्रेमियों में भारी गुस्सा
बंदर के बच्चे को गोली मारने की घटना का पता वन्यजीव प्रेमियों को लगा। वह इस घटना को लेकर बेहद गुस्से में हैं। उनका कहना है कि कोई बेजुबान बंदर के बच्चे को इस तरह गोली मारेगा, उससे इसके आपराधिक प्रवृत्ति का पता चलता है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस बंदर को गोली मारने को जल्द पकड़ने और उसे सजा देने की मांग की है। कुछ महीने पहले शिकारवाड़ी क्षेत्र में इसी तरह की घटना सामने आई थी, जब एक कुत्ते को किसी ने गोली मार दी थी। इस घटना को लेकर शालू जैन का कहना है कि लोग दिखावे को ही एनिमल लवर्स बनते हैं। उन्होंने नगर निगम तथा वन विभाग के अधिकारियों पर तंज कसा कि उनकी जिम्मेदारी बनती है लेकिन कोई भी अधिकारी-कर्मचारी घायल बंदर के रेस्क्यू तथा उपचार के लिए नहीं आया। यह बेहद शर्म की बात है।