जयपुर, 12 अक्टूबर। जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग पुत्री के साथ लैंगिक प्रताड़ना करने वाले अभियुक्त पिता को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीडिता के साथ प्राकृतिक वात्सल्य प्रेम के कारण नहीं बल्कि लैंगिक आशय से कृत्य किया है। ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीडिता के चाचा ने 29 नवंबर, 2020 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि उसकी 13 वर्षीय भतीजी ने बताया है कि उसके पिता ने उसके साथ गलत काम किया है। ऐसे में कार्रवाई की जाए। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त पिता को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को बताया कि उसकी मां की मौत करीब पांच साल पहले हो गई थी। उसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। रात को सौतेली मां के सोने के बाद उसके पिता उसे निर्वस्त्र कर उसके शरीर पर तेल लगाते और गोदी में लेकर शरीर के अंदर हाथ डालते। इसका विरोध करने पर पिता ने जान से मारने की धमकी भी दी। वहीं जब उसने अन्य परिजनों को इसकी शिकायत की तो उन्होंने उसकी गलती ही बताई। आखिर में उसने अपनी चाची को घटना के बारे में बताया। वहीं पीडिता की सौतेली मां ने अदालत को कहा कि पीडिता रात के वक्त किसी लडके के साथ चली जाती थी। पीडिता जिस लडके से बात करती थी, उसने पीडिता को अपने पिता पर केस करने के लिए भडकाया। वहीं उसके पिता व देवर के बीच रुपए का लेनदेन था। देवर ने पीडिता की शादी उस लडके से करने की बात भी कही थी। दूसरी ओर पीडिता का मेडिकल करने वाली चिकित्सक ने अपने बयान में कहा कि पीडिता का हाइमन रप्चर था। उसकी राय में यह नहीं कहा जा सकता कि पीडिता वर्जिन थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए सजा से दंडित किया है।
2023-10-12