मानसरोवर से मान्यावास जाने वाली सौ फीट चौडी रोड निर्माण के आदेश पर रोक

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जयपुर, 25 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें एकलपीठ ने मानसरोवर से मान्यावास जाने वाली सौ फीट चौडी रोड का निर्माण तीन माह में करने को कहा था। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश पूरणमल सैनी व अन्य की अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए।
अपील में कहा गया कि मास्टर प्लान में बदलाव कर सडक की चौडाई को कम नहीं किया जा सकता और किसी को फायदा पहुंचाने के लिए रोड का अलाइनमेंट भी नहीं बदला जा सकता। जबकि जेडीए ने मानसरोवर से मान्यावास जाने वाली इस रोड का न केवल अलाइनमेंट में बदलाव किया है, बल्कि मास्टर प्लान से भी छेडछाड की है। ऐसे में जेडीए की कार्रवाई गलत है। इसके अलावा एकलपीठ ने रोड के अलाइनमेंट में बदलाव के आधार पर ही जेडीए को रोड का निर्माण करने के आदेश दिए थे। अपील में कहा गया कि जेडीए ने वर्ष 2012 में इस रोड की चौडाई दो सौ फीट से घटाकर सौ फीट कर दी थी। इस दौरान रोड के सेंटर पॉइंट का ध्यान नहीं रखा गया कि किस बिंदु से रोड दोनों तरफ पचास-पचास फीट चौडी रहेगी। वहीं इस दौरान रोड का अलाइनमेंट भी बदल दिया गया। ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द कर जेडीए की ओर से की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने रोड की चौडाई कम करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एकलपीठ में जेडीए की ओर से कहा गया था कि जेडीए ने रोड की चौडाई कम करने से पहले आपत्तियां मांगी थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने आपत्ति पेश नहीं की। वहीं याचिकाकर्ता ने अपने अभ्यावेदन को खारिज करने के आदेश को जेडीए कोर्ट में चुनौती देने के बजाए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस पर एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर जेडीए को तीन माह में रोड निर्माण के आदेश दिए थे।

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