उदयपुर, 17 मई(ब्यूरो)। जल—जीवन मिशन में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के मामले में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। विपिन जैन के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने जल—जीवन मिशन योजना की गाइड लाइन को ताक में रखते हुए 11 मंजिला एक बिल्डिंग के 600 फ्लैट्स को इस योजना में शामिल कर तकनीकी स्वीकृति जारी करवाने के लिए अनुचित प्रयास किए थे।
भ्रष्टाचार, राजकार्य में अनियमितताएं ओर पद के दुरुपयोग करने को लेकर जलदाय विभाग के उप शासन सचिव गोपाल सिंह ने विपिन जैन के निलंबन आदेश जारी किए। आदेश में लिखा है कि जैन पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित विजिलेंस टीम के सामने कई तथ्य सामने आए हैं। उस आधार पर विपिन जैन के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। निलंबन के दौरान विपिन जैन का कार्यकाल मुख्य अभियंता (परियोजना), जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग जोधपुर रहेगा।
अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पदनाम का किया दुरुपयोग
विजिलेंस की जांच में सामने आया कि एसई विपिन जैन ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर नहीं रहते हुए भी उनके पदनाम का दुरुपयोग कर तकनीकी स्वीकृति के प्रस्ताव भेजे। यही नहीं तकनीकी मंजूरी के लिए अनुचित प्रयास भी किए। जैन के इस कारनामे केा जलदाय विभाग ने गंभीरता से लिया और उनके खिलाफ 16 सीसीए के तहत कार्रवाई करते विभागीय जांच के आदेश दिए।
विजिलेंस की जांच में आए तथ्य
विजिलेंस की रिपोर्ट में विपिन जैन ने मैसर्स निलाल चंद जैन इन्फा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को तकनीकी रूप से अर्हित किया। जबकि उक्त फर्म के निदेशक उनका निकट रिश्तेदार पाया गया। अपने रिश्तेदार की फर्म की दरें अनुमानित दर से 0.01 प्रतिशत कम अंकित करते हुए उनकी अनुशंसा उच्चाधिकारियों को भेजी। ग्यारह मंजिला बिल्डिंग को अनुचित रूप से जल—जीवन मिशन में शामिल किया गया।