-3 साल बाद दोनों की मुलाकात, डोटासरा के आवास पर पहुंचे थे सचिन, ईआरसीपी यात्रा पर भी डिस्कसन
जयपुर, 14 अक्टूबर (विशेष संवाददाता) : कांग्रेस में अब पहली लिस्ट को लेकर सक्रियता अपने चरम पर पहुंच गई है और सभी सीटों का पैनल बनाकर उसे दिल्ली भी भेजा जा चुका है। शनिवार को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी के पहले राजधानी में सियासत उस समय गर्मा गई, जब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट व प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर शुक्रवार रात मुलाकात हुई। दोनों के बीच रात्रि में लंबी वार्तालाप हुई और अब इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दोनों के बीच करीब 3 साल बाद हुई इस बैठक की सियासत के क्षेत्र में 2018 चुनाव में सचिन प्रदेशाध्यक्ष थे और इस बार वह पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं। इसके चलते उन पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाने का भारी प्रेशर है। फिलहाल सचिन अपनी विधानसभा टोंक तक ही सक्रिय नजर आए हैं, लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी के पहले उनकी डोटासरा से हुई मीटिंग को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज है। बताया जाता है कि पायलट जिस प्रकार पूरे कांग्रेस कार्यकाल में अलग-थलग रहे उसके चलते उनके समर्थकों की टिकट पर कैंची ना चल जाए, इसको लेकर वह एक बार फिर सक्रिय हुए हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो कथित सुलह के पहले पायलट को दिल्ली से आश्वासन भी मिला था कि उनके समर्थकों को टारगेट नहीं बनाया जाएगा। यदि वह जिताऊ और धरातल पर सक्रिय होकर कांगे्रस के लिए वर्किंग कर रहे हैं, तो उनको टिकट मिलेगी। इसके चलते उनके समर्थकों की टिकट पर प्रदेशस्तर पर नहीं बल्कि दिल्ली में हाईकमान डिस्कसन करेगा। बावजूद वह डोटासरा से मिले और लंबी चर्चा की तो उसके मायने फिलहाल यही निकलकर सामने आ रहे हैं कि चुनावी रणनीति, ईसीआरपी यात्रा एवं अपने समर्थकों की टिकट को लेकर उनके बीच चर्चा हुई होगी। हालांकि 16 अक्टूबर को ईआरसीपी को लेकर बारां में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे यात्रा को रवाना करेंगे तो 20 को दौसा के सिकराय में प्रियंका गांधी वाड्रा जनसभा करेंगी। इस मुलाकात को ईसीआरपी यात्रा को सफल बनाने एवं पूर्वी राजस्थान की 83 सीट पर फतह को लेकर भी रणनीति बनाने से जोडक़र भी देखा जा रहा है।