जयपुर, 22 जुलाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती-2022 से जुडे मामले में उन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन कर चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं, जिनका एमए का परिणाम स्कूल व्याख्याता के लिए आयोजित लिखित परीक्षा से पूर्व आ गया था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक सहित आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश जेठाराम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने 28 अप्रैल, 2022 को 26 विषयों के स्कूल व्याख्याता के पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया गया। जिसमें शर्त रखी गई की आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को बीएड व एमए परीक्षा भर्ती की लिखित परीक्षा के दिन तक उत्तीर्ण होनी चाहिए। याचिका में कहा गया कि याचिकार्ताओं ने परीक्षा में शामिल होकर कट ऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, लेकिन उनके एमए का परिणाम भर्ती परीक्षा के बाद आने के कारण उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने भर्ती परीक्षा के परिणाम से पहले एमए उत्तीर्ण कर ली है। इसके अलावा एमए अंतिम वर्ष का सत्र कोरोना के चलते देरी से चल रहा था और इसके कारण परीक्षा का परिणाम भी देरी से आया। जिसमें याचिकाकर्ताओं की कोई गलती नहीं है। याचिका में कहा गया कि उन्होंने लिखित परीक्षा में कट ऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी होने से पूर्व वे तय शैक्षणिक योग्यता हासिल कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
2023-07-22