सुप्रीम कोर्ट में याचिका, नई संसद का इनॉगरेशन राष्ट्रपति करें

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सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने के लिए याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाली एडवोकेट जया सुकिन ने कहा कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को इनॉगरेशन में ना बुलाकार संविधान का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले पर सुनवाई करेगा।

उधर, कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं, भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।

लोकसभा सचिवालय ने किया संविधान का उल्लंघन
एडवोकेट जया सुकिन ने याचिका में कहा- लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को इनॉगरेशन में ना बुलाकर संविधान का उल्लंघन किया है। PM को राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं। उसके बाद PM की सलाह पर मंत्रियों को नियुक्त करते हैं।

भारत की राष्ट्रपति के पास संवैधानिक पदाधिकारियों को नियुक्त करने के अधिकार हैं। ऐसे में उनसे नई संसद का उद्घाटन करवाना चाहिए। इस मामले में लोक सभा सचिवालय, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है।

भाजपा समेत 25 पार्टियां शामिल होंगी: भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, जनता दल (सेक्युलर), बसपा, NPP, NPF, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगू देशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU, MNF।

20 पार्टियां विरोध कर रहीं: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), समाजवादी पार्टी, राजद, CPI, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, रालोद, राकांपा, JDU, CPI (M), IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP, AIMIM और MDMK।

नई संसद विवाद में किसने क्या, कहा

कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा, ‘कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का इनॉगरेशन किया। यह एक व्यक्ति के अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है, जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नए संसद भवन का इनॉगरेशन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है।
JD(S) अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने कहा कि नई संसद देश की संपत्ति है और टैक्सपेयर्स के रुपयों से बनी है। इसलिए वे इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है। यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी। अब कोई इसका बहिष्कार करता है या उद्घाटन समारोह में नहीं जाता है तो इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। नए भवन का निर्माण जरूरी था और यह अच्छा है कि अब यह बन गया है।
UP CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नई संसद पर बयानबाजी करना गलत है। विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है। ये गैरजिम्मेदार रवैया है।
सुबह हवन-पूजा, दोपहर 12 बजे उद्घाटन करेंगे PM मोदी
नए संसद भवन में 28 मई यानी रविवार सुबह हवन के साथ पूजा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे भवन का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले श्रमयोगियों का सम्मान भी किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से नए संसद भवन के इनॉगरेशन का पूरा शेड्यूल

सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक हवन और पूजा होगा।
8:30 से 9 बजे के बीच में लोकसभा के अंदर सेंगोल को स्थापित किया जाएगा।
दूसरा चरण दोपहर 12 बजे से राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा।
दो शॉर्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी, इसके बाद उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ा जाएगा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता का संबोधन होगा। इसके बाद लोकसभा स्पीकर का संबोधन होगा।
एक सिक्का और स्टांप रिलीज किया जाएगा, आखिर में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा।
2:30 बजे समापन होगा।

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