जयपुर, 12 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट ने विधवा पुत्रवधू को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत हकदार मानने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सही माना है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए।
मामले के अनुसार सुशीला देवी की सास पीडब्ल्यूडी में कुली के पद पर कार्यरत थी। वर्ष 2007 में उसकी मौत हो गई। इस पर सुशीला देवी के पति ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। वहीं आवेदन के लंबित रहने के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इस पर सुशीला देवी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने पुत्रवधू को आश्रित की श्रेणी में मानने से इनकार कर दिया। इस पर सुशीला देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुशीला देवी को हकदार मानते हुए उसे एक माह में अनुकंपा नियुक्ति देने को कहा। राज्य सरकार की ओर से इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील पेश कर चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने भी सुशीला देवी को अनुकंपा नियुक्ति के पात्र माना। इस आदेश को राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी गई।