उदयपुर, 22 मार्च (ब्यूरो)। यहां संभागीय महाराणा भूपाल अस्पताल के चार सौ से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर चले जाने से बुधवार को मरीजों की हालत खराब हो गई। घंटों तक इंतजार के बाद भी कई मरीजों को उपचार नहीं मिला।
जयपुर में डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज के विरोध में उदयपुर एमबी अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। जिसके चलते उदयपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में बुधवार को मरीजों के इलाज की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। हालांकि रेजिडेंट डॉक्टर्स की जगह सीनियर डॉक्टर्स ने ड्यूटी दी लेकिन मरीजों की जबरदस्त भीड़ को नहीं संभाल पाए। ट्रॉमा इमरजेंसी में आने वाले एक्सीडेंट मरीज एक से डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहते रहे। उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला। यही हालात आउट डोर की रही। आसपास प्राथमित व सामुदायिक केन्द्रों से कई केस उदयपुर रेफर हुएए लेकिन उन्हें यहां तत्काल इलाज नहीं मिल पाया।
कई गंभीर रोगी और बुजुर्ग मरीज हॉस्पिटल के हालात को देखकर वहां से वापस लौट गए। गंभीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किया गया। आईसीयूए डिलीवरी रूम, ट्रोमा, इमरजेंसी, एनआईसीयू से लेकर आउटडोर में मरीज और उनके परिजन परेशान होते रहे। पई गांव की मरकी बाई जो अपने बेटे के दुर्घटना में घायल होने के बाद अस्पताल में गुहार लगाती देखी गई। एक घंटे तक उसका बेटा स्ट्रैचर पर कराहता रहा लेकिन उसे उपचार नहीं मिल पाया। इसी तरह अन्य कई मरीज भी उपचार के लिए घंटों तक इंतजार करते रहे।
80 से ज्यादा तय ऑपरेशन टले
महाराणा भूपाल अस्पताल में बुधवार को 80 से अधिक ऑपरेशन पहले से तय थे लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल परचले जाने पर सभी को टालना पड़ा। इनमें सिजेरियन, मेजर सर्जरी, ऑर्थाेपेडिक, जनरल सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और माइनर ओटी में होने वाले ऑपरेशन शामिल थे।
मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले 50 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई
रेजिडेंट के हड़ताल पर जाने से आरएनटी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले करीब 50 डॉक्टर्स को आउटडोर और अन्य जगह ड्यूटी पर लगाया है। इसके लिए इवनिंगए मॉर्निंग व नाइट का रोस्टर बनाया है। इमरजेंसीए आईसीयू से लेकर ट्रोमा व लेवर रूम आदि रेजिडेंट मरीजों का इलाज करते हैं लेकिन इनके नहीं होने से आईसीयू और ईमरजेंसी में मरीज परेशान होते रहे।
मांगी पूरी होने के बाद हड़ताल करेंगे खत्म
रेजीडेंट यूनियन के डॉ. नवरत्न शर्मा का कहना है कि जिन पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज किया। उनके खिलाफ पहले कार्रवाई हो और राइट टू हैल्थ बिल में संशोधन किया जाए। मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी।