प्रार्थना पत्र लंबित रहना आदेश की पालना नहीं करने का आधार नहीं :राजस्थान हाईकोर्ट

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जयपुर, 3 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत में रिकॉल एप्लीकेशन के लंबित रहना आदेश की पालना का आधार नहीं हो सकता। इसके साथ ही अदालत ने गिरदावर पद पर पदोन्नति से जुडे मामले में दो सप्ताह में आदेश की पालना करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने एसीएस राजस्व अपर्णा अरोड़ा को अवमानना की सजा के बिंदु पर हाजिर होने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश शिवराज सिंह व अन्य की अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में अतिरिक्त मुख्य राजस्व सचिव अपर्णा अरोडा अदालत में हाजिर हुई। उन्होंने अदालत को बताया कि प्रकरण में रिकॉल एप्लीकेशन दायर की गई है। ऐसे में आदेश की पालना के लिए समय दिया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि प्रार्थना पत्र लंबित होना आदेश की पालना नहीं करने का आधार नहीं हो सकता है। ऐसे में सरकार को पालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 17 मई तक पालना नहीं होने पर एसीएस राजस्व अपर्णा अरोडा को सजा के बिंदु पर हाजिर होने को कहा है। याचिकाओं में कहा गया कि उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना के केस लंबित होने के कारण पदोन्नति से वंचित किया जा रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत कर पदस्थापन करने के आदेश दिए थे, लेकिन विभाग की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई।

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