36 घण्टे तक लापरवाही की हदे पार करती रही खाकी
उच्चाधिकारियों को भी 36 घंटे बाद ही दी जानकारी
बसवा थाने का स्टॉफ मामले पर डालता रहा पर्दा
समझौता के लिए बनाता रहा दबाव
बिना कोई कार्रवाई के आरोपी पुलिसकर्मी को छोड़ा
अब आरोपी कांस्टेबल फरार
पहले खाकी हुई शर्मसार फिर खाकी ही विवादों में घिरी
दौसा एसपी ने लिया सख्त एक्शन, एसएचओ व आरोपी कांस्टेबल सस्पेंड
जांच के बाद बिना कार्रवाई के आरोपी कांस्टेबल को छोड़ने वालों पर भी कारवाई तय
दौसा, 18 अगस्त(संतोष तिवाड़ी): अगस्त की रात को दौसा जिले के बसवा थाना क्षेत्र में पुलिसकर्मी द्वारा महिला के साथ रेप और उसके बाद वीडियो वायरल होने के मामले में बसवा थानाधिकारी रामनिवास मीना को सस्पेंड कर दिया गया है वही आरोपी कांस्टेबल महेश गुर्जर को भी निलंबित कर दिया गया है वही इस मामले में अभी भी बसवा थाना पुलिस पूरी तरह विवादों में घिरी हुई है कि जब 15 अगस्त की रात को ग्रामीणों ने रेप के आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल को बसवा थाना पुलिस को सुपुर्द किया था तो वह अब फरार कैसे हो गया।।पुलिस ने बिना कोई कार्रवाई के आरोपी कॉन्स्टेबल को क्यों छोड़ा वही इस मामले में जहां पीड़िता की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में बांदीकुई डीएसपी ईश्वर सिंह जांच कर रहे हैं वही पुलिस विभाग द्वारा पूरे प्रकरण की विभागीय जांच भी करवाई जा रही है। प्राथमिक जांच में आरोपी कॉन्स्टेबल को थाने से बिना कोई कार्रवाई के छोड़ने के मामले में अनेक पुलिसकर्मियों के लिए लिप्तता सामने आ रही है जिन पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। वही उच्चाधिकारियों को समय पर सूचना नहीं देने और एफआईआर में देरी करने के आरोप में बसवा थाना अधिकारी रामनिवास मीणा को बीती रात को ही निलंबित कर दिया गया था। गौरतलब है कि सिकंदरा थाने में कार्यरत महेश गुर्जर नमक पुलिस कांस्टेबल 15 अगस्त को आजादी के जश्न के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रात के समय बसवा थाना क्षेत्र के गांव में पहुंचा और एक महिला के साथ रेप किया जब महिला चिल्लाई तो आरोपी पुलिस कांस्टेबल ने गोली मारने की धमकी भी थी जब आसपास के लोगों को आवाज सुनाई दी तो ग्रामीणों ने पुलिस कांस्टेबल को पकड़ लिया और उसे चारपाई से बांध दिया जिसके जमकर पीटा गया। कुछ देर बाद बसवा थाना पुलिस को बुलाकर आरोपी कांस्टेबल को पुलिस के हवाले कर दिया। अब तक तो रक्षक ही भक्षक बनने की घटना सामने आ रही थी लेकिन 15 अगस्त की रात के बाद बसपा थाना पुलिस की लापरवाही का चेहरा भी सामने आया है और एक के बाद एक बड़ी लापरवाही की। रात्रि कालीन ऑन ड्यूटी स्टाफ ने पुलिस के आला अधिकारियों को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं दी। 16 अगस्त को पीड़िता प्रार्थना पत्र लेकर थाने में पहुंच गई लेकिन थाने में एफ आई आर दर्ज नहीं हुई। आरोपी पुलिसकर्मी होने के कारण अन्य पुलिसकर्मी इस पूरे मामले में पर्दा डालने की कोशिश करते रहे और दबाव बनाकर समझौता करने के प्रयास में जूट रहे। 16 अगस्त को पूरे दिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और 17 अगस्त को फिर पीड़िता थाने में पहुंची लेकिन बसवा थाना का स्टाफ कैसे जैसे पूरे मामले को निपटने के प्रयास में जुट गया। लापरवाही की हाथ तो तब हो गई जब बसवा थाना पुलिस के स्टाफ ने आरोपी कांस्टेबल महेश गुर्जर को बिना कोई कार्रवाई के छोड़ दिया। जब 17 अगस्त की दोपहर को पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के वीडियो वायरल होने लगे तो बसवा थाना पुलिस के कार्मिकों के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में मुकदमा दर्ज किया गया और इसके बाद पुलिस के अधिकारियों को सूचना दी गई। यानी करीब 36 घंटे तक इस संगीन घटनाक्रम को थाने स्तर पर ही निपटाने का प्रयास किया गया ना तो उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई और ना ही एफ आई आर दर्ज की गई। इस पूरे मामले में दौसा एसपी ने बसवा थानाधिकारी रामनिवास मीणा को निलंबित कर दिया है साथ ही आरोपी कॉन्स्टेबल महेश गुर्जर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। अभी इस पूरे मामले में जांच जारी है, जांच के बाद बिना कोई कार्रवाई के आरोपी पुलिस कांस्टेबल को छोड़ने के मामले में लिफ्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होना तय है।