जयपुर, 21 सितंबर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दीपक उर्फ मनोज कुमार को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीडिता को शारीरिक के साथ-साथ भावनात्मक क्षति भी पहुंचाई है। ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीडिता की मां ने 21 दिसंबर 2019 को विधायकपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि दो साल पहले अभियुक्त से जान पहचान हुई थी। अभियुक्त ने उसे किसी के घर काम पर रखवाया था। वहीं कुछ दिनों बाद अभियुक्त ने उसकी पन्द्रह साल की बेटी को भी बारह हजार रुपए मासिक में किसी के घर काम कर लगवा दिया। उसकी बेटी को महीने में दो बार अवकाश मिलता था। इन दो दिनों में अभियुक्त उसे घर छोड़ने आता था, लेकिन रास्ते में अपनी क्लीनिक पर ले जाकर दुष्कर्म करता। जिसके चलते पीडिता गर्भवती हो गई और अभियुक्त ने उसे गर्भ गिराने की दवा खिला दी। जिससे पीडिता को बहुत रक्तस्त्राव हुआ। इसके बाद पीडिता ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। जिस पर कार्रवाई करते हु पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। वहीं दूसरी ओर एनडीपीएस कोर्ट ने चार किलोग्राम गांजा रखने वाले अभियुक्त जामरूल शेख को तीन साल की सजा सुनाई है। सदर थाना पुलिस ने 4 मार्च, 2006 को अभियुक्त को गिरफ्तार किया था।
उपभोक्ता आयोग की उदारता, दिव्यांग परिवादी को डायस पर बैठा कर सुनी पीडा
जयपुर, 21 सितंबर। जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-2 ने एक मामले की सुनवाई के दौरान परिवादी के दिव्यांग होने की जानकारी मिलने पर उसे डायस पर बैठाकर उसकी पीडा को सुना। वहीं आयोग अध्यक्ष जीएल मीणा ने खराब डीप-फ्रिज बेचने के इस मामले में ब्लू स्टार कंपनी और विक्रेता सालासर इलेक्ट्रॉनिक्स से तीन दिन में जवाब मांगाा है। आयोग ने यह आदेश दिव्यांग ओमप्रकाश कुमावत के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 26 जून 2023 को डेयरी बूथ के लिए विपक्षी कंपनी का 575 लीटर का डीप-फ्रीज 29,500 रुपए में खरीदा था। शुरुआत से ही फ्रिज में कुलिंग सही नहीं हुई। उसने इसकी शिकायत सालासर इलेक्ट्रोनिक्स से की। जिस पर उसे कंपनी के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। वहां पर शिकायत दर्ज कराने पर विपक्षी ने मैकेनिक भेज दिया, लेकिन मैकेनिक सिर्फ आश्वासन देकर वापस चला गया। इसके बावजूद फ्रिज की खराबी जारी रहे और उसमें रखे उत्पाद भी खराब होने लगे। उसने दुबारा शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर हर्जा-खर्चा सहित क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए जाने की गुहार की थी।