रामसहाय कांकरेलिया ने 475 यूनिट से भी अधिक बार कर चुके रक्तदान,14 जून विश्व रक्तदान दिवस

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रक्तदान करने से शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता बल्कि शरीर स्वस्थ रहता हैरू रामसहाय
भानपुर कलां निवासी है रक्तदाता कांकरेलिया

भानपुर कलां 13 जून जिस जमाने में लोग अपने शरीर से खून डोनेट करने से डरते थेए उस जमाने में एक शख्स ने अपने शरीर की परवाह किये बगैर एक्सीडेंट में घायल एक अनजान शख्त को अपना ब्लड दान कर उसका जीवन बचाया। वह शख्स है भानपुर कलां निवासी समाजसेवी 85 वर्षीय रामसहाय कांकरेलिया। रक्तदाता रामसहाय ने अपने बताया कि वह अपने जीवन में हमेशा निस्वार्थ भाव से गरीब व जरूरतमंद के लिए रक्तदान किया है। उन्होंने सबसे पहले 22 फरवरी 1962 में एक अनजान शख्स के लिए रक्तदान कर उसका जीवन बचाया। इसके बाद मन में ठानी की रक्त के कारण किसी की जान नहीं जाने देंगे। कांकरेलिया 1962 से लेकर 2014 तक करीब 475 यूनिट से भी अधिक बार रक्तदान कर एक रिकॉर्ड कायम किया है। इसके बाद तो वो लोगों को ब्लड के प्रति प्रेरणा देते रहे है। आज उनकी प्रेरणा से सैकड़ों लोग ब्लड डोनेट करने लगे है। यहां तक की महिलाएं भी इस नेक कार्य में पीछे नहीं है। इतना रक्तदान करने के बाद भी रक्तदाता रामसहाय का शरीर स्वस्थ है।

एक्सीडेंट में घायल अनजान शख्स को किया पहली बार रक्तदान

रामसहाय ने बताया कि वह 22 फरवरी 1962 में जयपुर एसएमएस अस्पताल में भर्ती मेरे एक रिश्तेदार की खेरियत जानकर अस्पताल से बाहर आ रहा था तभी अस्पताल के सामने एक अनजान शख्स का सडक़ क्रॉस करते समय तांगा गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया। उसके छाती से खून बहने लगा। घायल अनजान शख्स के साथ उसकी छोटी लडक़ी भी थी। मेरे से घायल का बहता हुआ खून देखकर मेरा मन पसीज गया। मैंने तुरन्त लोगों की मदद से घायल व्यक्ति को उठाकर अस्पताल ले गया। चिकित्सकों ने कहा कि इसका खून ज्यादा निकल गया है। इसके लिए खून की व्यवस्था की जाए। मैने चिकित्सकों को मेरे शरीर से खून निकालने के लिए बोल दिया। उन्होंने मुझसे पूछा कि आप इसके रिश्ते में क्या लगते होए तो मैंने कहा मानव सेवा से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता। तब घायल व्यक्ति को मेरा खून चढ़ाकर उसकी जान बचाई गई। मालूम करने पर पता चला कि वह अनजान शख्स सवाई माधोपुर के पीपल्दा गांव का निवासी था और जयपुर में किसी काम से आया था। इसके बाद तो मैंने मन में ठाना की खून की कमी से किसी की जान नही जाने दी जाएगी। उन्होंने युवाओं को प्रेरणा दी कि रक्तदान करने से शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता बल्कि शरीर स्वस्थ रहता है। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार रक्तदान करना चाहिए।

यहां यहां कर चुके ब्लड डोनेट

रामसहाय ने बताया कि दिल्ली रोहिणी जयपुर संतोकबा दुर्जलभजी जनाना रेडक्रॉस जनानाए एसएमएस प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर कंवर नगर में जमवारामगढ़ एशियाड तैराकी खेलों के दौरान मोबाइल सर्जिकल केम्प में की तत्कालीन गवर्नर ओमप्रकाश मेहरा की मौजूदगी में भानपुर कलां में कैम्पए स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक। इसके अलावा भी कई बार गांवों के ब्लड केम्प का आयोजन कर करीब 475 यूनिट से अधिक बार ब्लड डोनेट कर चुका हु।

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