रामप्रसाद खुदकुशी प्रकरण : छह दिन बाद उठा धरना, बनी सहमति ,50 लाख की आर्थिक सहायता: किरोड़ी

Share:-

– प्रशासन ने मानी मृतक के बेटे को निगम में नौकरी व मकान बनाने की मंजूरी की मांग
– आज होगा अंतिम संस्कार, पीडि़त परिवार को समाज ने दी 50 लाख की आर्थिक सहायता: किरोड़ी

जयपुर, 22 अप्रैल (ब्यूरो): रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले पर छह दिन से चल रहा धरना शनिवार देर शाम समाप्त हो गया। सरकार ने परिजनों की मांगों को मान लिया है। मृतक के बेटे अभिषेक को नगर निगम में संविदा पर नौकरी दी जाएगी। रामप्रसाद के परिजनों को नगर निगम ने मकान बनाने की अनुमति दे दी। परिवार को एक डेयरी बूथ भी आवंटित किया जाएगा। इसके बाद परिजन धरना समाप्त कर शव को अंत्येष्टि के लिए बस्सी स्थित अपने गांव ले गए। रविवार को अंतिम संस्कार होगा।
मृतक के बेटे ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं, इसलिए धरना समाप्त कर रहे हैं। सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बीच डेयरी बूथ आंवटन लेटर, निगम में नौकरी, मकान बनाने की परमिशन सहित अन्य मांगों संबंधी सरकारी सहमति दस्तावेज दिखाए। उन्होंने कहा कि रामप्रसाद के परिजनों की मदद के लिए मीणा समाज की ओर से 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। धरनास्थल पर जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, डीसीपी रश्मि डोगरा डूडी, हैरिटेज नगर निगम अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

हैरिटेज सतर्कता उपायुक्त और हवामहल जोन उपायुक्त की भूमिका की होगी जांच
प्रकरण में हैरिटेज नगर निगम पुलिस निरीक्षक नीरज तिवाड़ी को सस्पेंड कर चुका है। शनिवार को निगम आयुक्त विश्राम मीणा ने आदेश जारी कर हैरिटेज सतर्कता उपायुक्त नीलकमल मीणा और हवामहल जोन उपायुक्त दिलीप कुमार शर्मा की इस प्रकरण में भूमिका को लेकर भी जांच बिठा दी। निगम के अतिरिक्त आयुक्त इस मामले की जांच करेंगे। साथ ही उनके द्वारा मंदिर परिसर में ट्रांसपोर्ट कंपनी का कार्यालय खोलने एवं मंदिर के हैरिटेज स्वरूप से संबंधित जांच भी 15 दिवस में पूर्ण कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

इन मांगों पर बनी सहमति…
-रामप्रसाद की पत्नी के नाम डेयरी बूथ का आवंटन।
-पुत्र को नगर निगम में संविदा पर नौकरी।
-नगर निगम के अधिकारी नीरज तिवाड़ी का निलंबन, बाकियों के खिलाफ जांच, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई
-रामप्रसाद ने आत्महत्या से पहले जिनका नाम लिया उनमें से पांच लोगों की गिरफ्तारी। शेष दोषी पर कार्रवाई।
– पीडि़त परिवार के मकान निर्माण कराने की व्यवस्था।
– गिरधारीजी के मंदिर में आम जनता को दर्शन की व्यवस्था।
– 300 वर्ष पुराना गिरधारी मंदिर के हेरिटेज स्वरूप से छेड़छाड़, अवैध निर्माण और मंदिर के परकोटे में व्यावसायिक हो रही गतिविधि को नगर निगम 15 दिन में जांच कर अवैध निर्माण तोडक़र व्यावसायिक गतिविधि को हटाया जाएगा।
-50 लाख रुपए पीडि़त परिवार को मीणा समाज की ओर से आर्थिक सहायता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *