न्यूज़ :: राजस्थान की 199विधानसभा सीटों के लिए 25 नवम्बर को मतदान हो गया. प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया. चुनाव के बीच कुछ सीटें ऐसी हैं जिनकी जमकर चर्चा हो रही है. इन सीटों पर सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव में उतरे हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसी एक
वीआईपी सीट के बारे में जिन पर इस समय सभी की नजर टिकी हुई है. राजस्थान की सबसे हॉट सीटों में से एक झालरापाटन विधान सभा सीट हैं.राजस्थान की सबसे हॉट सीटों में से एक झालरापाटन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ है. इस विधानसभा सीट पर वसुंधरा राजे का पिछले 34 वर्षों से कब्जा रहा है. वह यहां से 5 बार विधायक और 4 बार सांसद रह चुकी हैं. इस बार उन्होंने 10वीं बार यहां से चुनाव लड़ रही
है. झालरापाटन में 1 लाख 21 हजार 617 पुरूष व 1 लाख 9 हजार 702 महिला मतदाताओ कुल मतदाताओं ने मतदान किया हैं. 2,97,810 जिसमें से 77.67 प्रतिशत मतदान हुआ.जो वर्ष 2018 से .77 प्रतिशत कम मतदान हुआ.
इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सामने रामलाल चौहान, पूर्व सीएम का मुकाबला पूर्व प्रधान के साथ हैं. कागजों के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल चौहान एक कमजोर प्रत्याशी हैँ. मतदाताओं के सर्वे के आधार पर कई क्षेत्रो में स्थानीय होनें से मजबूत प्रत्याशी हैं.
जबकि बीजेपी की प्रधान सीता कुमारी पूर्व प्रधान एवं पूर्व विधायक कन्हैया लाल पाटीदार, सुरेंद्र फोफलिया सुरेन्द्र सोनी अशोक दुबे एस कासवानी आदि ने कहां कि वंसुधरा राजे जब प्रदेश की सीएम थी उस कार्यकाल के दौरान जिले में शिक्षा के क्षैत्र सिचाई के क्षैत्र चिकित्सा के क्षैत्र समेत कई क्षेत्रों में विकास के कार्य हुए हैं इसी को लेकर मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में भारी मतदान किया. पूर्व सीएम राजे की महिलाए
में काफी लोकप्रियता हैं. महिलाओं ने जमकर मतदान किए हैं. इसलिए सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए पूर्व सीएम वंसुधरा राजे 70 हजार मतों से एक तरफ़ा जीत हासिल कर प्रदेश की सीएम बनेंगी.
वही दुसरी और प्रत्याक्षी रामलाल चौहान ने कांग्रेस की जीत का दावा किया और बताया कि स्थानिय होने के नाते एवं अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं के चलते हुए मतदाताओं ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया.
वही कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष फरीद चौधरी, श्याम लाल गुर्जर एवं बलराज जयपुरी, बद्री शर्मा अशोक शर्मा अकलेश शर्मा रमेश पालीवाल समेत कई ने कांग्रेस की जीत का दावा किया. बताया कि पूर्व सीएम राजे एवं पूर्व प्रधान रामलाल चौहान में मुकबला दिलचस्प हैँ. उन्होंने बताया कि पुर्व सीएम राजे ने विधायक रहते हुए क्षैत्र का दौरा नहीं किया और जनता से दुरी बनाई गई. कोरोना काल, अतिवृष्टि में लोग परेशान उनसे पूछने तक नहीं आई,वंसुधरा राजे के नजदीकी नेताओं की इंकम्बेंसी.बीजेपी में सीएम का फेस नहीं. इन सबका नुकसान हो सकता हैं. जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेंगा.
रामलाल चौहान की ताकत : स्थानिय होनें से क्षेत्रवाद का लाभ,पंचायत समिति में पूर्व प्रधान, ईमानदार एवं दबंग प्रधान की छबि, रामलाल चौहान जिला परिषद सदस्य, जिला कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य, संदेश यात्रा पिड़ावा के प्रभारी, हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा भवानीमंडी ब्लॉक के प्रभारी रह चुके हैं. वह वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, अखिल भारतीय सौंधवाड़ी राजपूत महासभा के सचिव व राजस्थान अखिल भारतीय सौंधवाड़ी राजपूत महासभा के प्रदेशाध्यक्ष हैं.सोधीया राजपूत से आते हैं पूरी विधानसभा में करीब बीस हजार वोट हैं. लगभग 40 वर्षो से लोगों की सेवा करते आ रहें चौहान.
चुनाव के बाद क्या कहते हैँ मतदाता : रामलाल चौहान को पिड़ावा तहसील से बढ़त मिलने की संभावनाए हैँ उसका मुख्य कारण यह हैँ कि इस क्षैत्र के निवासी हैँ. लगभग 30-40 वर्षों से क्षेत्रवासियों की सेवाए कर रहें हैँ.
बीजेपी-कांग्रेस को किस रीजन में कितनी बढ़त : मतदातओं के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, पंचायत समिति पिड़ावा मुख्यालय सुनेल की ग्राम पंचायतें 20 -25 एवं पिड़ावा नगरपालिका में कांग्रेस को 60-70 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है।10-15 में बीजेपी – कांग्रेस को बराबर मत मिलने का अनुमान है.10-15 ग्राम पंचायतों में बीजेपी को 60-70 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है।
बात करें झालरापाटन तहसील रीजन की जिसमें नगरपालिका झालरापाटन,नगरपरिषद झालावाड़ समेत पंचायत समिति झालरापाटन की 10 ग्राम पंचायतों में भी बीजेपी आगे दिखाई देती है।बीजेपी को 55-70 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है। जबकि 1-5 प्रतिशत मत नोटों एवं अन्य के खाते में जाने की संभावनाए हैँ.इसी क्षैत्र की 5 ग्राम पंचायत में कांग्रेस को 50-60 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है।
सर्वे के अनुसार पूर्व सीएम राजे का जीत का अंतर 10 हजार -30 हजार के बीच रहेंगा.