सांगानेर में बीजेपी-कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी आमने-सामने तो मालवीय नगर में दो बार हारने वाली अर्चना तीसरी बार कालीचरण के सामने डेढ़ दर्जन सीटों पर बिछी बिसात : भाजपा-कांग्रेस के योद्धा मैदान में

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-पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के 11 समर्थकों को जगह देकर भाजपा की सामंजस्य बनाने की कोशिश

-परंपरागत सीट से लड़वाने का दंभ भरने वाली बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भेजना पड़ा सेफ सीट तारानगर

जयपुर, 21 अक्टूबर : विधानसभा चुनाव को लेकर अब प्रदेश में शतरंज की बिसात बिछने लगी है। बीजेपी की दूसरी और कांग्रेस की पहली लिस्ट आने के बाद अभी तक डेढ़ दर्जन सीटों पर दोनों के प्रत्याशी अब चुनावी जंग के लिए मोर्चा संभाल चुके हैं। जयपुर शहर की दो सीटों की बात करें तो सांगानेर पर बीजेपी व कांग्रेस दोनों ने ही ब्राह्मण समाज के प्रत्याशियों पर दांव लगाकर मुकाबला रोचक बना दिया है। वहीं मालवीय नगर की बात करें तो लगातार दो बार कांग्रेस की टिकट से चुनाव हारने वाली अर्चना शर्मा तीसरी बार कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, तो बीजेपी की ओर से वयोवृद्ध वरिष्ठ नेता कालीचरण सराफ एक बार फिर टक्कर देते हुए नजर आएंगे। हालांकि सराफ को टिकट देकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया है। इसी प्रकार प्रदेश की 16 सीटों पर बीजेपी व कांग्रेस के प्रत्याशियों का ऐलान होने से वहां की स्थिति स्पष्ट होने लगी है। यह सभी प्रत्याशी चुनावी रणनीति बनाने में भी जुट गए हैं। बीजेपी किसी भी नेता की परंपरागत सीट बदलने के पक्ष में नहीं थीं, लेकिन अंत में उसे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सामने संभवत : झुकना पड़ा। इसी के चलते चूरू की अपनी परंपरागत सीट पर फंसते नजर आ रहे राठौड़ को पार्टी ने सेफ सीट तारानगर भेजा है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 5वीं बार अपनी परंपरागत सीट झालरापाटन से ही चुनाव लड़ती नजर आएंगी।

सांगानेर सीट की बात करें तो यहां पर कांग्रेस की ओर से पुष्पेंद्र भारद्वाज 2018 के बाद इस चुनाव में भी उतरे हैं। वहीं बीजेपी ने मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर उनकी जगह प्रदेश महासचिव भजनलाल शर्मा को उतारकर सभी को चौंका दिया है। हालांकि फिलहाल भजनलाल की बात करें तो वह पुष्पेंद्र के सामने कमजोर लग रहे हैं। कारण पुष्पेंद्र 2018 में हारने के बाद भी यहां सक्रिय थे, जबकि भजनलाल भरतपुर व सांगानेर दो जगह से टिकट मांग रहे थे। जबकि वह भरतपुर में निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन 3 हजार से भी कम वोट लाकर वह अपनी जमानत भी जब्त करा चुके हैं। इसके चलते पार्टी नेता भी उनकी टिकट पर आश्चर्य जता रहे हैं। नाथद्वारा में विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी को इस बार हाल ही में बीजेपी की सदस्यता लेने वाले मेवाड़ के पूर्व राजघराने के मैंबर विश्वराज सिंह मेवाड़ टक्कर देते नजर आएंगे। इस सीट पर भी सभी की नजर रहेगी। बायतू में कांग्रेस के पूर्व मंत्री व पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के सामने बीजेपी ने बालाराम मूंढ को उतारा है। इसके चलते चौधरी मजबूत नजर आ रहे हैं। सवाई माधोपुर में बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का मुकाबला विधायक एवं सीएम सलाहकार दानिश अबरार के बीच के मुकाबले पर भी सभी की नजर है। अलवर ग्रामीण की बात करें तो यहां पर मंत्री टीकाराम जूली के मुकाबले बीजेपी ने जयराम जाटव को चुनाव में उतारा है। मंडावा में सांसद नरेंद्र कुमार का मौजूदा कांग्रेस विधायक रीटा चौधरी से मुकाबले पर भी सभी की नजर है। नरेंद्र का विरोध उनकी पार्टी के लोग ही कर रहे हैं।

लक्ष्मणगढ़ पर सभी की नजर
शेखावाटी के लक्ष्मणगढ़ में भी इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। बीजेपी ने कांग्रेस से घर वापसी करने वाले पूूर्व मंत्री सुभाष महरिया को उतारा है। वहीं कांग्रेस ने अपने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ही दांव लगाया है। दोनों जाट समुदाय से हैं और इसके चलते यहां पर मुकाबला काफी कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है। शेखावाटी में बीजेपी 2018 में मात खा चुकी है। इस बार उसका पूरा फोकस यहां पर है। इसके चलते महरिया की घर वापसी कराकर उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।

कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए और 2018 के निर्दलीय पर जताया भरोसा
बीजेपी ने कांग्रेस से आने वाले शिवचरण कछवाह को धौलपुर से तो ज्योति मिर्धा को नागौर से टिकट दिया है। वहीं 2018 में निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले हेमसिंह भड़ाना को थानागाजी से तो मेड़ता से लक्ष्मणराम मेघवाल को टिकट दिया है।

पायलट समर्थक इनको मिली टिकट, गहलोत की त्रिमूर्ति पर नजर
सचिन पायलट गुट के चार नेताओं को टिकट दिया गया है। इनमें इंद्राज सिंह गुर्जर, रामनिवास गवारिया, मुकेश भाकर और अमित चाचन के नाम शामिल हैं। हालांकि सभी की नजर सीएम अशोक गहलोत की त्रिमूर्ति शांति धारीवाल, महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ के टिकट पर नजर है। इन तीनों के नाम पर सोनिया-राहुल ने आपत्ति जताई थी। इसके चलते इनके नाम फिलहाल होल्ड पर हैं।

गहलोत सरदारपुरा व पायलट टोंक से लड़ेंगे चुनाव, 29 विधायकों को फिर मौका
कांग्रेस की पहली सूची में सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत पहली सूची में 29 मौजूदा विधायकों के नाम हैं। गहलोत सरदारपुरा (जोधपुर) और पायलट टोंक से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने पहली लिस्ट में तीन हारे हुए उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया है। कुशलगढ़ से बागी चुनाव लडक़र निर्दलीय जीती रमिला खडिय़ा को टिकट दिया है। रमिला के पति हुर्तिंग खडिय़ा पहले कांग्रेस उम्मीदवार रहे थे। मालवीय नगर से अर्चना शर्मा, सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज और मांडलगढ़ से विवेक धाकड़ पिछला चुनाव हार गए थे, इन्हें फिर से मौका दिया है। अलवर के मुंडावर से पिछला चुनाव बसपा से लड़े ललित कुमार यादव को टिकट दिया है। यह सीट कांग्रेस ने पिछली बार गठबंधन के तहत एलजेपी को दी थी। इस सीट पर बीजेपी जीती थी और ललित यादव बसपा से दूसरे नंबर पर रहे थे।

वसुंधरा गुट के 11 विधायकों को टिकट
भाजपा ने वसुंधरा गुट के 11 विधायकों को टिकट दिया है। इनमें मालवीय नगर से कालीचरण सराफ, कोटा के छबड़ा से प्रताप सिंह सिंघवी, संगरिया से गुरदीप सिंह शाहपीणी, निंबाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी, नौहर से अभिषेक मटोरिया, सूरजगढ़ से संतोष अहलावत, डग से कालूलाल मेघवाल, खानपुर से नरेंद्र नागर, मनोहरथाना से गोविंद रानीपुरिया, नीमकाथाना से प्रेम सिंह बाजौर, बगरू से कैलाश चंद वर्मा शामिल हैं।
विद्याधर नगर विधायक राजवी को चित्तौगढ़ से टिकट
जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक नरपत सिंह राजवी को अब चित्तौढग़ढ़ से टिकट दिया गया है। पहली सूची में भाजपा ने उनका टिकट काटकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकट दिया था। राजवी के लिए मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया गया है।
कई पूर्व मंत्रियों को टिकट
भाजपा ने कई पूर्व मंत्रियों को भी टिकट दिया है। इनमें प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचंद कृपलानी, नरपत सिंह राजवी, ओटाराम देवासी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सर्राफ, राजेंद्र राठौड़ सहित कई पूर्व मंत्री शामिल हैं।
7 विधायकों के टिकट काटे
बीजेपी ने दूसरी सूची में 7 विधायकों का टिकट काट दिया है। इसमें सूरसागर से सूर्यकांता व्यास, सांगानेर से अशोक लाहोटी, चित्तौडग़ढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, सूरजगढ़ से सुभाष पूनिया, नागौर से मोहन राम चौधरी, मकराना से रूपाराम और बड़ी सादड़ी से ललित कुमार ओस्तवाल शामिल हैं।
56 विधायकों को टिकट
भाजपा ने दूसरी सूची में 56 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। इसके साथ ही इस सूची में 27 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई थी।
16 विधानसभा पर उतारे नए प्रत्याशी
राजसमंद दीप्ति माहेश्वरी, बड़ी सादड़ी गौतम सिंह दक, चित्तौडग़ढ़ नरपतसिंह राजवी, घाटोल मानशंकर नीनामा, उदयपुर शहर ताराचंद्र जैन, सूरसागर देवेंद्र जोशी, मकराना सुमिता भींचर, मेड़ता लक्ष्मणदास मेघवाल, नागौर डॉ. ज्योति मिर्धा, धौलपुर शिवचरण कुछवाहा, थानागाजी हेमसिंह भड़ाना, सांगानेर भजनलाल शर्मा, सूरजगढ़ संतोष अहलावत, चूरू हरलाल सहारण, तारानगर राजेंद्र राठौड़, बीकानेर पश्चिम जेठानंद व्यास।
संघ को तवोज्जोह नहीं
इस विधानसभा चुनाव में संघ को बीजेपी अधिक तवोज्जोह देते हुए नजर नहीं आ रही है। पहली व दूसरी लिस्ट का आंकलन करें तो साफ पता चलता है कि संगठन एवं बीजेपी नेताओं की खुलकर चली। जबकि संघ ने दोनों लिस्ट मिलाकर करीब एक दर्जन सीट पर कुछ नाम सुझाए थे और जिन्हें टिकट दी गई उनकी कमियां, विरोध आदि की डिटेल भी बताई थी। बावजूद इसके बीजेपी ने उनको अधिक तवोज्जोह नहीं दी। पार्टी ने अपने व संगठन के सर्वे, दूसरे प्रदेश से आए विधायकों व पदाधिकारियों की रिपोर्ट व फीडबैक को ही बेस बनाकर टिकट वितरण किए हैं।
उपचुनाव में जीते तीनों विधायकों पर कांग्रेस को भरोसा
कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में उप चुनाव जीतने वाले तीनों विधायकों पर भरोसा जताया है। इसी के चलते उसने मंडावा से रीटा चौधरी, सुजानगढ़ से मनोज मेघवाल, वल्लभनगर से प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत को टिकट दिया है।

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