बीजेपी विधायक दल बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष चुने गए सतीश पूनिया बोले-उपनेता प्रतिपक्ष पद संवैधानिक महत्व का नहीं है। लेकिन मैं सम्मान के लिए पार्टी का आभारी हूँ। पार्टी झाड़ू-पोंछे के लिए कहे, तो उसके लिए भी मैं तैयार हूँ।बीजेपी विधायक दल की बैठक में उपनेता चुने गए विधायक और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा- वैसे कहा जाता है कि उपनेता प्रतिपक्ष का पद कोई संवैधानिक महत्व नहीं रखता है। लेकिन मुझे लगता है ईमानदारी और परिश्रम के आगे वो दर्जे कभी मोहताज नहीं होते। इस शब्द में भी कोई करामात होगी, जिसे घनश्याम तिवाड़ी और राजेंद्र राठौड़ ने भी निर्वहन किया। राजेंद्र राठौड़ की उत्कण्ठा थी कि ये ‘ उप ‘ शब्द हट जाए। ये मजाक में ही चर्चा करते थे। मुझे लगता है कि इनको उतनी ही प्रसन्नता होगी। मुझे बताया कि उनकी सगाई हो गई थी, लेकिन शादी में देरी हुई। तो दूल्हा का टाइटल मिलने में थोड़ा वक्त लगा था। लेकिन आज अधिकृत रूप से राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष बने। ये हम सबके लिए प्रसन्नता का विषय है।
पार्टी अध्यक्ष पद पर मुख्य कार्यकर्ता के नाते जोशी
पूनियां बोले- मैं सीपी जोशी का आभार व्यक्त करता हूं कि आप हम सबके साथ पार्टी के अध्यक्ष के नाते नहीं, एक मुख्य कार्यकर्ता के नाते हैं। इससे पूर्व मेरे जैसे छोटे सामान्य कार्यकर्ता को दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन के मुख्य कार्यकर्ता की जिम्मेदारी मिली। हम लोग तीन आयामों पर काम करते हैं।
मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री पद पर आसीन करना है
पूनियां ने कहा- असम राज्यपाल बने गुलाबचंद कटारिया ने इससे पहले राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद की भूमिका का बहुत शिद्दत से निर्वहन किया। प्रतिपक्ष का नेता ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है, जब 2023 में ही कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ हम संघर्ष कर रहे हैं। 2024 में देश के पीएम नरेंद्र मोदी को हमें एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर आसीन करना है। साथ ही उनके बुनियादी विकास की नीतियां, वैचारिक मुद्दों और समाधान को जनता तक लेकर जाना है। पूरी बीजेपी पार्टी आज संगठित और एकजुट होकर इसी ऐलान के साथ आई है। हम सब लोग आज इस संकल्प के साथ इकट्ठे हुए हैं।