न्यायिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राजभवन से आरोप मुक्त किए जाने के आदेश जारी
उदयपुर,16 अगस्त(ब्यूरो): राजस्थान राजभवन ने सीकर के गुरुकुल विश्वविद्यालय मामले में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह की न्यायिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उन्हें क्लीनचीट दे दी। उन्हें सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार के आदेश के बाद इस मामले का पटाक्षेप हो गया। राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए झालावाड़ के विशिष्ट न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता को न्यायिक जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। न्यायिक जांच समिति ने इस सम्पूर्ण प्रकरण की विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट राजभवन को सौंपी थी।
न्यायिक जांच के आधार पर राजभवन ने पूर्व कुलपति प्रो. सिंह पर दर्ज समस्त एफआईआर को निरस्त करने की अनुशंसा कर दी है। साथ ही प्रो. सिंह की निलम्बन अवधि का भुगतान पूर्ण वेतन के आधार पर किए जाने के निर्देश जारी किए गए है।
गौरतलब है की प्रो.अमेरिका सिंह गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रकरण में लम्बे समय से आरोपों का सामना करना कर रहे थे। राजस्थान प्रदेश में हुए इस प्रकरण से प्रो. सिंह को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। तब आरोपों की घिरे प्रो. सिंह ने कहा था इस सम्पूर्ण प्रकरण में, मैं निर्दोष हूँ वक्त आने पर देर-सवेर जांच में हकीकत सामने आ जाएगी। पिछले वर्षो में विभिन्न जांचों के चले इस लम्बे दौर का प्रो.अमेरिका सिंह ने मजबूती से सामना किया और अपना पक्ष जांच एजेंसियों के समक्ष रखा।
प्रो.सिंह ने जताया आभार
आरोपों से मुक्त होने के बाद प्रो. अमेरिका सिंह ने कहा, मुझे न्याय मिलने की ख़ुशी है और गर्व है की मेरी सच्चाई, ईमानदारी और निष्पक्षता को रेखांकित किया गया। निराधार आरोपों और अस्थिरता के इस दौर का मैंने सुदृढ़ आत्मबल और दृढ़ता के साथ सामना किया। जिसका परिणाम है की मुझ से जुड़े प्रकरण को सत्यता की प्रमाणिकता मिली। उन्होंने कहा, वह उन सभी शुभचिंतकों के आभारी हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में भी उन्हें भावात्मक संबल प्रदान किया और सत्य के मार्ग पर निरंतर चलने की प्रेरणा प्रदान की।
अलग पहचान बनाई थी प्रो. सिंह ने
प्रो. अमेरिका सिंह की लीक से हटकर कुछ अलग करने की कार्य शैली और उच्च शिक्षा से जुड़़े उनके व्यापक दृष्टिकोण के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में अलग पहचान स्थापति की थी। नवाचार, नवीन योजनाओं-परियोजनाओं, विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता सहित असंख्य उपलब्धियां अर्जित करते हुए प्रो. सिंह ने सुविवि को देशभर ने नई पहचान दी थी। प्रदेश में प्रथम बार विज्ञान कांग्रेस का आयोजन एवं श्रीकल्लाजी वैदिक निजी विश्वविद्यालय का सुविवि में विलय जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का निर्माण, संविधान पार्क की स्थापना, फेकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग, फेकल्टी ऑफ़ आर्कीटेक्चर, नार्थ कैम्पस श्रीनाथ सेंटर और एक्सीलेंस, 50 से अधिक नवीन पाठ्यक्रम, सुविवि के मुख्य द्वार के निर्माण के माध्यम से उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय परिदृश्य में विशेष ख्याति अर्जित की थी।
क्या था गुरुकुल विश्वविद्यालय मामला
सीकर में गुरुकुल विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर वाइस चांसलर प्रो. अमेरिका सिंह की अध्यक्षमता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को तय मापदंड के अनुसार अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी थी। कमेटी ने तय मापदंड़ों की अनदेखी की और ऐसे तथ्य पेश किए, जो मौके पर मौजूद ही नहीं थे। कमेटी की रिपोर्ट ने राज्य सरकार ने विधानसभा में विधेयक पेश कर दिया। बाद में खुलासा हुआ कि जहां विश्वविद्यालय का भवन नहीं था और खुलासा होने पर प्रो. सिंह तथा कमेटी के अन्य सदस्यों के खिलाफ जयपुर के आदर्शनगर थाने में मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद प्रो. सिंह तथा कमेटी के अन्य सदस्यों को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।