भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम – हाईकोर्ट भ्रष्टाचार के मामलों में अनुमति की वैधता पर विशेष अदालत के निष्कर्षों को राय दर्ज किए बिना पलट नहीं सकता कि न्याय की विफलता कैसे हुई सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट भ्रष्टाचार के मामलों में अनुमति की वैधता पर विशेष अदालत द्वारा दर्ज किए गए निष्कर्षों को बिना इस बात पर कोई राय दर्ज किए पलट नहीं सकता है कि आरोपी के साथ वास्तव में न्याय की विफलता कैसे हुई। इस मामले में, कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13(1)(ई) के तहत लगाए गए अपराधों से इस आधार पर बरी करते हुए एक याचिका की अनुमति दी कि सरकार द्वारा प्रतिवादी-अभियुक्त पर ट्रायल चलाने की अनुमति अवैध और अधिकार क्षेत्र के बिना थी ।
मामले का विवरण- कर्नाटक राज्य लोकायुक्त पुलिस बनाम एस सुब्बेगौड़ा | (SC ) 595 | 2023 INSC 669
2023-08-06