विधानसभा चुनाव: धनखड़ के दौरे से गहलोत क्यों परेशान?

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Assembly Elections 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लगातार प्रदेश दौरों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। गहलोत ने साफ कहा था कि पहले प्रधानमंत्री आए और अब उपराष्ट्रपति अप-डाउन कर रहे हैं। राजस्थान में चुनाव चल रहे हैं। आप बार-बार आओगे तो लोग क्या समझेंगे?मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति
मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राजस्थान में जगदीप धनखड़ के विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे दौरे पर सियासत गर्माने लगी है। मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे लगातार हो रहे हैं। राष्ट्रपति बीते 10 महीने में छह बार प्रदेश में आ चुकी हैं। मुर्मू खुद कह चुकी हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद वे सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश आईं हैं। यहां के स्वागत को वे कभी नहीं भूल सकतीं, जबकि उपराष्ट्रपति धनखड़ बीते 13 माह में सबसे ज्यादा 16 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं। राजस्थान उपराष्ट्रपति का गृह प्रदेश है। वे मूल रूप से झुंझुनूं जिले के किठाना गांव के रहने वाले हैं।

क्या राष्ट्रपति के दौरे का चुनाव पर दिखेगा असर?

राष्ट्रपति-उप राष्ट्रपति एक संवैधानिक पद है। उनके राज्यों के तमाम प्रवास सरकारी हैं, लेकिन यह भी दिलचस्प है कि निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उत्तर प्रदेश में चुनाव से एन पहले लगातार दौरे कर रहे थे। उन्होंने चुनावी साल में सबसे ज्यादा यूपी के दौरे किए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी वर्ग से हैं। देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने से पहले उनकी जिंदगी बहुत ही मुश्किलों भरी रही है, लेकिन यह भी बात ध्यान रखने वाली है कि मध्यप्रदेश में 21 फीसदी आदिवासी वोटर हैं और 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। ये आदिवासी कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राज्य में 16 फीसदी दलित हैं। इनके लिए विधानसभा की 35 सीटें आरक्षित हैं। ऐसे में राष्ट्रपति जब खुद ये कहें कि मेरी सबसे ज्यादा यात्राएं मध्यप्रदेश में हुई हैं, तो यह संदेश खासतौर पर उस वर्ग तक जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति करती हैं।

दरअसल, 25 जुलाई को मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से 18 पन्ने की एक बुकलेट भी प्रकाशित की गई थी। इसमें विस्तार से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते एक वर्ष में किस राज्य में कहां दौरा किए। इसमें यह भी बताया गया कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1750 से अधिक सदस्यों सहित 16 हजार व्यक्तियों से मुलाकात की है। अब तक राष्ट्रपति अपने छह दौरों में नौ कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकी हैं। उनके भाषणों में सबसे ज्यादा फोकस महिला, आदिवासी, धर्म और साहित्य पर रहा है।

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