जयपुर, 12 अप्रैल। जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रंगलाल उर्फ मुकेश को बीस साल की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं अदालत ने प्रकरण में सह आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी नहीं करने पर डीजीपी को जांच अधिकारी पर कार्रवाई करने को कहा है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित है, लेकिन जांच रिपोर्ट अब तक अदालत में पेश नहीं की गई। जबकि अभियुक्त के खिलाफ प्रकरण का निस्तारण किया जा रहा है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 17 सितंबर 2021 को पीडिता के पिता ने जमवारामगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि अभियुक्त रंगलाल व उसके साथी दिनेश, रिंकू, हंसराज, सागर वर्धन और शंकर माली उसकी नाबालिग बेटी को परेशान करते हैं। आज उसकी बेटी के स्कूल जाने के दौरान आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और छेडछाड करते हुए मोटर साइकिल पर जबरन ले जाने लगे। इस दौरान उसके चिल्लाने पर राहगीरों ने आरोपियों को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को बताया कि घटना से पहले अगस्त माह में रात के समय रंगलाल ने उसे फोन कर बाहर बुलाया और सूनसान इलाके में ले जाकर दुष्कर्म किया था। इसके बाद घटना के दिन तक रंगलाल ने उसके साथ दो बार और बलात्कार किया व घटना की जानकारी देने पर भाई और पिता को जान से मारने की धमकी दी।
वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि वह दिव्यांग है और लकड़ी के सहारे चलता है। पीडित पक्ष ने अन्य आरोपियों से राजीनामा कर उसे फंसा दिया। इसके अलावा एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट में उसके खिलाफ नहीं है। ऐसे में उसे बरी किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।