हॉस्पिटल में एडमिट नवजात कन्या।
जैसलमेर, जहां देष में नारी सषक्तिकरण की बाते की जा रही हैं तथा महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं तो वही राजस्थान के जैसलमेर-बाड़मेर में आज भी बच्चे बच्ची में भेदभाव का क्रम जारी हैं। आज भी बच्ची के पैदान होने पर हेय दृष्ंिट से देखा जाता हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को जैसलमेर व बाड़मेर में नवजात बच्चियों को छोड़ देने के मामले सामने आये। पहले मामले में जैसलमेर जिले के पोकरण चिकित्सालय के पीछे किसी ने नवजात बच्ची को जिंदा फेंक दिया जिसकी जानकारी मिलने पर उसे जैसलमेर लाकर एक निजी चिकित्सालय में दाखिल कराया गया। दूसरी घटना बाड़मेर शहर की हैं जहां पर रेल पटरियो के पास में प्रीमेच्योर बच्ची का शव मिला जो पूरी तरह विकसित नही था।
मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिले के सरकारी हॉस्पिटल के पीछे एक नवजात बच्ची मिली। आस-पास से गुजर रहे लोगों ने रोने की आवाज सुनकर देखा तो बच्ची थी। इस पर बच्ची को पोकरण से जैसलमेर जवाहिर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां से उसे एक निजी चिकित्सालय में दाखिल कराया गया। सूचना पर कोतवाली पुलिस और शिशु गृह के अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। नवजात बच्ची प्री-मैच्योर है। वजन केवल 1 किलो ही हैं।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अमीन खान ने बताया कि बुधवार देर शाम पोकरण हॉस्पिटल के पीछे एक नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनकर लोगों ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। 108 एम्बुलेंस गंभीर हालत में बच्ची को लेकर जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल पहुंची। बच्ची प्री-मैच्योर है। सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसे जोधपुर रेफर करना था। लेकिन 6 घंटे का लंबा सफर बच्ची रिस्की साबित हो सकता था। इस कारण प्राइवेट हॉस्पिटल प्रिया में एडमिट करवाया गया। शिशु गृह की दो केयर टेकर को भी हॉस्पिटल में देखभाल के लिए नियुक्त किया गया हैं।
वही दूसरी घटना में बाड़मेर शहर नेहरू नगर रेलवे पटरियों के पास एक नवजात बच्ची का अर्द्धविकसित शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। पूरी तरह विकसित नही हुवे इस नवजात बच्ची के शव पड़े होने की सूचना वहां से निकल रहे लोगों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जहां जांच पड़ताल के बाद स्थानीय लोगों की मदद से शव को झाड़ियों से निकलवाकर पोस्टमार्टम हाउस के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, साथ ही आसपास के नर्सिग होम और अस्पताल में हाल ही में हुई डिलीवरी की जानकारी भी जुटाई जा रही हैं।