चित्तौड़गढ़़ ढाई साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा ,पोक्सो कोर्ट का फैसला

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उदयपुर। चित्तौड़गढ जिले की पोक्सो कोर्ट ने एक साल पहले ढाई साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। शुक्रवार को सुनाए अदालत के फैसले पर पीड़ित परिवार ने खुशी जताई है।
चित्तौड़गढ़ जिले की पोक्सो कोर्ट क्रम एक के विशेष लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि घटना के करीब 11 महीने में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। उन्होंने बताया कि घटना चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी क्षेत्र में 21 अप्रैल 2022 की थी। विवाह समारोह में अपनी मां के साथ आई ढाई साल की मासूम को भीलवाड़ा जिले के किशनपुरा गांव से आए बाराती रमेश पुत्र नानूराम धाकड़ ने उठाया और निर्जन क्षेत्र में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने बालिका का शव पास ही एक कुएं में फैंक दिया था। इस घटना का खुलासा होते ही बस्सी क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। बस्सी थाना पुलिस ने आरोपी रमेश धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया और अदालत के आदेश पर वह न्यायिक हिरासत में चल रहा था। पुलिस ने इस घटना को गंभीर अपराध मानते हुए केस को ऑफिसर स्कीम में लिया और जांच का जिम्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहना खानम को सौंपा था। शुक्रवार को सुनाए फैसले में पोक्सो कोर्ट ने अभियुक्त रमेश धाकड़ को आईपीसी की विभिन्न चार धाराओं में दोषी माना। जिसमें धारा 302 के तहत उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई।

तीन बच्चों का पिता है दोषी, जानवरों की तरह की थी हरकत
ढाई साल की मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या का दोषी रमेश धाकड़ ने जानवरों से भी बदतर तरीके से घिनौना काम किया। उसने बालिका को कई जगह काटा। आरोपी खुद तीन बच्चों का पिता था और उसकी सबसे छोटी बेटी तब ढाई साल की थी। मामले की जांच अधिकारी शाहना खानम बताती है कि उन्होंने अपने सेवा काल में इतनी दरिंदगी पहली बार देखी थी। आरोपी रेती का कारोबार करता था और एक संपन्न परिवार से था, हालांकि कोरोना काल में बिजनेस घटने पर उसने अपनी जेसीबी, ट्रेक्टर तथा ट्रक आदि सभी गाड़ियां बेच दी थी और वह खेती और सब्जी बेचने का काम करने लगा था। उन्होंने बताया कि जब लापता बालक को परिजन तलाश रहे थे तब आरोपी भी उनके साथ मिलकर बालिका को ढूंढने में शामिल हो गया ताकि उस पर किसी को शक ना हो। उसके भीलवाड़ा लौटने पर जब ग्रामीणों को उसकी कही बातों पर ध्यान गया तो तो ग्रामीण उसके पास पहुंचे तो वह रात को एक बजे पैदल घूमता मिला। जब ग्रामीणों ने उससे पूछताछ की तो उसने तरह-तरह की कहानी बताना शुरू कर दिया। किन्तु उसने यह बता दिया था कि बालिका का शव कुएं में है। अगले दिन जब एनडीआरएफ की टीम ने बालिका को बाहर निकाला और उसके शव के हालात को देखा तो उन्हें शक हुआ। उसकी हाथों की मुठ्ठियां बंद थी। तब ग्रामीणों ने पुलिस बुलाई थी। पुलिस ने जब कड़ाई बरती तो उसने बताया किस तरह उसने दरिंदगी की और बालिका की हत्या की थी।

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