पॉक्सो आरोपी को जमानत नहीं, आरोपी को नाबालिग मानने के आदेश के खिलाफ स्वप्रेरित याचिका

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जयपुर, 26 अगस्त। राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को नाबालिग मानने वाले पॉक्सो कोर्ट, सीकर के आदेश के खिलाफ स्वप्रेरित रिवीजन याचिका दर्ज करने को कहा है। अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल के जरिए आदेश की कॉपी मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी है। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की ओर से दायर रिवीजन याचिका को खारिज करते हुए दिए।
प्रकरण में शिकायतकर्ता पक्ष के वकील महेंद्र कुमार सैनी और वंदना औदिच्य ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के संबंध में सीकर के थोई थाना में 19 फरवरी, 2023 को एफआईआर दर्ज कराई गई। जिसमें जांच कर पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप पत्र पेश किया। आरोप पत्र में पुलिस ने आरोपी की उम्र 18 साल तीन माह मानी। वहीं पॉक्सो कोर्ट क्रम-2, सीकर ने अपने स्तर पर आरोपी की उम्र एक साल कम मानी और उसे नाबालिग बताकर प्रकरण को किशोर न्याय बोर्ड, सीकर के समक्ष भेज दिया। प्रकरण में आरोपी की ओर से जमानत के लिए रिवीजन याचिका हाईकोर्ट में पेश की गई। सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से कहा गया कि घटना के वक्त आरोपी बालिग था और पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह साबित हो की आरोपी नाबालिग हो। इसके बावजूद भी पॉक्सो कोर्ट ने अपने स्तर पर ही उसे नाबालिग मानकर प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड में भेज दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए उसे नाबालिग घोषित करने के आदेश के खिलाफ स्वप्रेरणा से रिवीजन याचिका दर्ज की है।

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