जयपुर, 5 अक्टूबर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग से लैंगिक प्रताडऩा करने वाले अभियुक्त गोपाल लाल शर्मा को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 11 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीडिता के बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है और उसने शिनाख्त परेड में भी अभियुक्त की पहचान की है। कोई भी व्यक्ति अपनी सात साल की बच्ची की गरिमा को दांव पर नहीं लगाना चाहेगा। यौन हिंसा के प्रकरण में रिपोर्ट लिखाने का निर्णय लेना बहुत कठिन होता है। ऐसे में अभियुक्त को झूठा फंसाने की संभावना परिस्थितियों से जाहिर नहीं होती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि 16 जून, 2022 को 7 सात की पीडिता अपने माता-पिता और भाई के साथ अपने दादा का चैकअप कराने के लिए एसएमएस अस्पताल गई थी। पीडिता के पिता ने मां और दोनों संतानों को एसएमएस अस्पताल के वेटिंग रूम में छोकर अपने पिता के साथ मालवीय नगर चला गया। इस दौरान पीडिता अपने भाई के साथ अस्पताल के टॉयलेट करने गई। इतने में वहां अभियुक्त भी आ गया और पीडिता को महिला टॉयलेट में जाने को कहा। जब पीडिता दूसरे टॉयलेट में गई तो पीछे-पीछे अभियुक्त भी चला गया। इस दौरान अभियुक्त ने पीडिता को अकेला देखकर उसका मूंह बंद कर उसके प्राइवेट पार्ट से छेडखानी की। इस पर पीडिता चिल्लाकर वहां से भाग गई और अपनी मां को घटना की जानकारी दी। इस बीच मौका देखकर अभियुक्त भी वहां से चला गया।
वहीं पीडिता के पिता के वापस आने पर उसकी मां ने पिता को घटना की जानकारी दी। इस पर पिता की ओर से एसएमएस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को अपने साथ हुए अपराध की जानकारी दी। दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे मामले में फंसाया गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।