धौलपुर 14 अक्टूबर । जिले में शनिवार को पितृपक्ष का समापन हो गया।जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड, पार्वती एवं चंबल नदी में पितरों को आस्था पूर्वक तर्पण किया गया। सुबह से ही धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ देखी गई। पितृ पक्ष के 16 दिन की अवधि में पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मणों को भोजन कराकर श्राद्ध कर्म किये गए। पंडित हरिकृष्ण शास्त्री के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करने से जीवन में आने वाली बाधाएं परेशानियां दूर होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि पौराणिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है कि देवपूजा से पहले जातक को अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए। पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में जीवित रहते हुए घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और मृत्योपरांत श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। इसके पीछे यह मान्यता भी है कि यदि विधिनुसार पितरों का तर्पण न किया जाये तो उन्हें मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा मृत्युलोक में भटकती रहती है। शनिवार को पितृपक्ष का समापन होते ही ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड, चंबल नदी और पार्वती नदी पर सनातन संस्कृति के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर को ब्राह्मण भोज करने के बाद पितरों को विदाई दी गई। इसके बाद रविवार से नवदुर्गा शुरू हो जाएंगे। ऐसे में धार्मिक अनुष्ठान एवं कार्यक्रम भी शुरू हो सकेंगे।
2023-10-14