राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन 5 घंटे में ही खत्म हो गया। मंगलवार शाम करीब पौने 4 बजे समर्थकों ने मिठाई खिलाकर पायलट का अनशन तुड़वाया।
अनशन खत्म होने के बाद पायलट ने कहा- मैंने सिर्फ करप्शन पर कार्रवाई के मकसद से अनशन रखा था। यदि बात संगठन की होती तो मैं संगठन से बात करता। साल भर से मैं मुख्यमंत्री से मांग कर रहा था।
पायलट ने कहा कि करप्शन के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रही है तो कार्रवाई भी होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि कार्रवाई जरूर होगी। करप्शन के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हम चाहते हैं कि देश और प्रदेश में स्वच्छ राजनीति हो।
पायलट बोले- पुराने प्रभारी को लेटर मार्क किए थे
सचिन पायलट ने बीजेपी राज के करप्शन पर प्रभारी रंधावा से बात नहीं करने के सवाल पर कहा कि रंधावा अभी नए प्रभारी बने हैं। इनसे पहले जो प्रभारी थे, उन्हें लेटर की कॉपी मार्क की थी। चर्चा करते रहते हैं। रंधावा ने कहा था कि बीजेपी राज के करप्शन की जांच को लेकर सचिन पायलट ने उनसे बात नहीं की।
पायलट भाजपा की सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे। वे सुबह अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंचे। ऐसा कहा जा रहा था कि वे कोई अलग पॉलिटिकल लाइन ले सकते हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
इधर, पायलट के अनशन शुरू होने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो मैसेज जारी कर एक बार फिर मिशन 2030 की बात दोहराई। उन्होंने कहा- मैंने तय किया है कि 2030 तक राजस्थान को देश का नंबर वन राज्य बनाना है। पायलट के अनशन के बीच मिशन 2030 की बात दोहराने के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
सचिन पायलट के अनशन को लेकर दिल्ली में पवन खेड़ा ने दिन में ये कहा था कि इस मुद्दे पर महासचिव जयराम रमेश शाम को बयान जारी करेंगे। हालांकि कोई बयान जारी नहीं हुआ।