पायलट ने रखी तीन मांगें, गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम -मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन का करेंगे शंखनाद

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-डेढ़ दर्जन विधायक, मंत्री, चेयरमैन और लोगों के हुजूम के बीच करप्शन से आखिरी सांस तक लडऩे का किया एलान

-पायलट ने एक बार फिर सोनिया गांधी की बेज्जती और 25 सितंबर की अनुशासनहीनता का उठाया मुद्दा

जयपुर, 15 मई : पांच दिन की जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन अवसर पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत-पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर तीखे हमले किए। डेढ़ दर्जन विधायक, मंत्री, चेयरमैन, पूर्व विधायक, मंत्री और विशाल जनसमूह के सामने पायलट ने करप्शन से आखिरी दम तक लडऩे का शंखनाद किया। उन्होंने गहलोत सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए अल्टीमेटम दिया कि 15 दिन में इसे पूरी करें। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो फिर प्रदेशभर में, गांव-गांव, शहर-शहर आंदोलन करेंगे।
करप्शन, पेपर लीक मुद्दे को लेकर पायलट ने 11 मई को अजमेर के आरपीएससी कार्यालय के समीप से जनसंघर्ष पदयात्रा शुरू की थी। पांच दिन में करीब सवा किमी की दूरी कर यात्रा सोमवार दोपहर जयपुर पहुंची। आज के ही दिन पायलट के पिता स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि थी और इसी अवसर पर विशाल जनसभा को पहले मंत्री, विधायक सहित कईयों ने संबोधित किया। सभी ने एक सुर में गहलोत सरकार पर करप्शन के गंभीर आरोप लगाए। यूएचडी मिनिस्ट्रर शांति धारीवाल, खनन मंत्री प्रमोद जैन पर भी तीखे हमले कर उन पर करप्शन के आरोप जड़े। इसके बाद पायलट ने लोगों को संबोधित करते हुए साफ कहा कि वह ना तो डरने वाले ना झुकने वाले हैं। राजे सरकार के घोटाले, माफिया राज के मुद्दे मैंने, गहलोत और कांग्रेसियों ने उठाए थे और इसी के चलते जनता ने विश्वास किया और हम 2018 में सत्ता में आए। कर्नाटक में भी कांग्रेस ने 40 परसेंट कमीशन, करप्शन का मुद्दा उठाया और वहां पर सत्ता में काबिज हो गई। अब उन्हीं मुद्दों पर हम काम नहीं करेंगे तो फिर 2023 में कैसे जनता के सामने जाएंगे और कैसे सरकार रिपीट कराएंगे। करप्शन व पेपर लीक से आम आदमी हलकान है, इनकी जांच होनी चाहिए और इसके लिए मेरी लड़ाई सतत जारी रहेगी। पायलट ने चेतावनी भरे लहजे में चेताया कि यदि उनकी मांगें 15 दिन में हल नहीं हुई तो फिर प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। अभी तक अनशन व जनसंघर्ष पदयात्रा गांधीवादी तरीके से की थी लेकिन अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

सोनिया गांधी की बेज्जती और 25 सितंबर की घटना अनुशासनहीनता की परिकाष्ठा
पायलट ने कहा मेरा अनशन व यात्रा को लेकर तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं। जब सोनिया गांधी ने आदेश दिया था और जो 25 सितंबर को उसका मजाक बनाया गया वह अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा थी। मैं तो कांग्रेस के ही मुद्दे उठा रहा हूं।

पायलट की तीन मांगें
1. आरपीएससी को भंग कर उसे पुनर्गठित किया जाए, सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। इसमें योग्‍य व इमानदार अधिकारियों की तैनाती की जाए।
2. पेपर लीक से जिन बच्चों ने परीक्षा के लिए तैयारियां की अपना खर्चा किया उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
3. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए करोड़ों के घोटाले, माफिया राज की उच्चस्तरीय जांच की जाए।

गहलोत पर सीधा वार
पायलट ने सीएम पर सीधा वार करते हुए कहा कि हम बिना पद, गाली खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हों। सभी सुन लें मुझे किसी सीमा में ना बांधे, मैंकिसी धर्म, जाति व समाज का नहीं बल्कि 36 कौम व राजस्थान का बेटा हूं।

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