जयपुर,1 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह सचिव को आदेश दिए हैं कि वह उन कैदियों से संबंध में जानकारी करें, जो आर्थिक कारणों के चलते पैरोल का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने ऐसे मामलों में जमानत देने की शर्त में शिथिलता देने को कहा है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश साबिर हुसैन की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर जमानत पेश करने की लगाई शर्त को हटाते हुए उसे सिर्फ व्यक्तिगत मुचलके पर ही पैरोल का लाभ देने के आदेश दिए हैं।
याचिका मे अधिवक्ता विश्राम प्रजापति ने अदालत को बताया कि सांगानेर की खुली जेल में सजा काट रहे बिहार निवासी याचिकाकर्ता को राज्य सरकार ने गत 7 फरवरी को पैरोल का लाभ दिया था। इसके लिए याचिकाकर्ता को पचास हजार रुपए का स्वयं का मुचलका और पचास हजार रुपए की दो तस्दीकशुदा जमानते पेश करने को कहा था। याचिका में कहा गया कि उसके आर्थिक हालात ऐसे हैं कि वह दो तस्दीकशुदा जमानते पेश नहीं कर सकता है। ऐसे में इस शर्त को हटाया जाए, ताकि उसे पैरोल का लाभ मिल सके। वहीं राज्य सरकार की ओर से बिहार के गोपालगंज जिला पुलिस की ओर से मिली रिपोर्ट को पेश किया गया। रिपोर्ट में भी बताया गया कि याचिकाकर्ता की आर्थिक स्थिति बेहद सामान्य है और वह राज्य सरकार की ओर से लगाई जमानत पेश करने की शर्त पूरी नहीं कर सकता है। जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने गृह सचिव को ऐसे कैदियों के संंबंध में जानकारी लेने के आदेश देते हुए ऐसे मामलों में जमानते देने की शर्त में शिथिलता देने को कहा है।