पेपर लीक के आरोपी कटारा के घर ईडी का छापा

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डूंगरपुर,5 जून (ब्यूरो) : ईडी की टीम बाबूलाल कटारा के के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच कर रही है।
सीनियर टीचर पेपर लीक मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राजस्थान में कई जगह पर छापेमारी की है। ईडी की एक टीम सोमवार सुबह डूंगरपुर में आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा के घर भी पहुंची। इस दौरान घर के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सशस्त्र पुलिस बल के जवान तैनात किए गए, जबकि घर में परिवार के 2 लोग मौजूद है। ईडी जांच में जुटी रही। हालांकि कोई भी अधिकारी जांच को लेकर अधिकृत बयान नहीं दे रहे हैं।
दो गाडिय़ों से पहुंचे : डूंगरपुर शहर में सुभाष नगर कॉलोनी में आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा का घर है। सोमवार सुबह जयपुर नंबर की 2 इनोवा गाड़ी में करीब 10 अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों की टीम डूंगरपुर पहुंची। ईडी के अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सशस्त्र जवान घर के बाहर चारों तरफ तैनात कर दिए गए। इसके बाद ईडी के अधिकारी घर में पहुंचे, जहां कटारा की पत्नी और बेटा मौजूद हैं। ईडी की टीम ने परिवार के लोगों से पूछताछ की है।

आरपीएससी सदस्य कटारा के अजमेर आवास पर भी पहुंची ईडी
अजमेर, 5 जून (शिवेश दत्त): राजस्थान लोक सेवा आयोग के सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में आरोपी बाबू लाल कटारा के सिविल लाइंस आवास पर इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की दो टीमों ने अचानक छापा मारा। छामेमारी की घटना में कोई लीक न हो इसलिए पुलिस का सहयोग लेने की बजाय सीआरपीएफ का भारी भरकम दस्ता लेकर पहुंची। सीआरपीएफ ने उनका पूरा आवास घेर लिया और किसी को भी अंदर बाहर जाने पर रोक लगा दी। पत्रकारों की टीम डटी रही लेकिन कोई भी अफसर बोलने को तैयार नहीं है।

दरअसलए ईडी ने आरपीएससी की ओर से आयोजित सीनियर टीचर भर्ती के पेपर लीक और रुपयों के लेनदेन पर मनी लॉन्ड्रिंग में उदयपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की थी। इस मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, मास्टरमाइंड शेर सिंह मीणा व भूपेंद्र सारण से ईडी पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा इस केस में आरोपी राजीव उपाध्याय, रामगोपाल मीणा, सुरेश विश्नोई, घिमनाराम खिलेड़, अनिता मीणा, बाबूलाल के पुत्र दीपेश कटारा, गोपाल सिंह, गौतम कटारा व विजय डामोर के बयान भी दर्ज किए हैं।
सूत्रों की माने तो सात दिन पहले ईडी ने आरपीएससी के अधिकारियों से पेपर लीक के नामजद आरोपियों की डिटेल मांगी थी। आरपीएससी ने सभी सदस्यों और पेपर लीक में शामिल लोगों की जानकारी ईडी के साथ साझा की थी। ईडी के अधिकारी पिछले काफी समय से एसओजी के अधिकारियों के भी संपर्क में हैं। कयास लगाया जा रहा है कि ईडी को आरोपियों के बयानों के विश्लेषण से पेपर लीक के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि पेपर लीक में ईडी ने राज्यसभा सांसद डॉ, किरोड़ीलााल मीणा की शिकायत पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

बाबूलाल कटारा का काला चिट्ठा
डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा ने 15 अक्टूबर 2020 में आरपीएससी के मेंबर का कार्यभार संभाला था। बाबूलाल कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था। इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में कार्य किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाडा, डूंगरपुर, सागवाडा, सुमेरपुर और उदयपुर में कार्य किया। वर्ष 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक रहा। उदयपुर में आदिम जाति शोध संस्थान निदेशक के पद पर भी रहा। इसके बाद आरपीएससी के मेंबर के रूप में सरकार ने नियुक्ति दी।

एसओजी ने अजमेर से किया था गिरफ्तार
एसओजी ने दो महीने पूर्व ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में कार्रवाई की थी। एसओजी ने आरपीएससी मेंबर बाबू लाल कटारा को उनके अजमेर स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।

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