तप जीवन का आध्यात्मिक पर्व: साध्वी रतिप्रभा
जोधपुर। आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी रतिप्रभा के सान्निध्य में पंचरंगी एवं अठाई तप अनुमोदन कार्यक्रम जाटाबास स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम नमस्कार महामंत्र के मंत्रोच्चार से शुभारंभ हुआ। साध्वी रतिप्रभा ने कहा कि तप जीवन का आध्यात्मिक पर्व है जो पूरे मनोबल, शरीर बल, एवं उत्साह के साथ जो तप की सरिता मे स्नात करता है वह कर्मो को क्षीण करता है। तपस्या से शरीर और कर्मो दोनों का मल दूर होता है। साध्वी कलाप्रभा ने कहा कि तप ऐसा दीप है जो हमारे भावी जीवन को रोशन करता है। इस अवसर पर साध्वी मनोज्ञयशा, साध्वी पावनयशा ने तप अनुमोना करते हुए और आगे बढऩे की प्रेरणा दी। युवक परिषद व महिला मण्डल द्वारा सामूहिक गीतिका की प्रस्तुति दी गई। परिषद अध्यक्ष कमल सुराणा, शर्मिला भंसाली, प्रियंका गांग, सरिता डोसी, अणुव्रत समिति मंत्री मितेश जैन ने तप अनुमोदनार्थ भावाभिव्यक्ति दी। साध्वी रतिप्रभा द्वारा उपस्थित तपस्वियों अशोक सुराणा को अठाई तप, मंजु सुराणा, ममता मेहता, पुष्पा देवी सुराणा, मीना आंचलिया, कुणाल समदडिया, नीलम चौपड़ा को पांच व अनेक श्रावक-श्रविकाओं को चोले, तेले, बेले, उपवास का 27 तपस्वियों को सामूहिक प्रत्याख्यान करवाया। सभी तपस्वियों को परिषद द्वारा जैन दुपटा व साहित्य से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन परिषद सदस्य दिव्यांशु जैन ने किया।